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    यूपीएससी छात्रों के समर्थन में आगे आ रहे कई चर्चित चेहरे

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    Updated: Fri, 11 Jul 2014 09:54 PM (IST)

    जागरण संवाददाता, बाहरी दिल्ली : मुखर्जी नगर में यूपीएससी के छात्रों का प्रदर्शन अब तूल पकड़ता जा रहा है। यहां साहित्य ही नहीं, राजनीतिक गलियारे के चर्चित चेहरे भी मंच पर दस्तक देने लगे हैं। विभिन्न पार्टियों से जुड़े नेता व सांसद यहां समर्थन के लिए एक-एक कर पहुंच रहे हैं। लेखक वेद प्रकाश वैदिक के बाद सांसद मनोज तिवारी से लेकर आम आदमी पार्टी के नेता व जेएनयू के प्रोफेसर आनंद कुमार भी यहां छात्रों की मांगों को सहयोग प्रदान कर रहे हैं। अंग्रेजी पर आश्रित देश की शिक्षा नीति को खुली चुनौती देते हुए वे छात्रों का हर लिहाज से हौसला अफजाई करते नजर आ रहे हैं।

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    संघ लोक सेवा आयोग की वर्ष 2013 के परीक्षाफल में हिंदी और सभी भारतीय भाषाओं के साथ हुए भेदभाव के खिलाफ और अंग्रेजी को बढ़ावा देने के साथ ही प्रारंभिक परीक्षा में सी-सेट परीक्षा को समाप्त करने की मांग के साथ छात्रों के प्रदर्शन की शुरुआत क्रमिक अनशन से हुई, जिसमें 11 छात्रों ने हिस्सा लिया। इसके बाद 9 जुलाई से झारखंड के दो छात्र पवन कुमार पांडेय और नीलोत्पल मृणाल ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। छात्रों का कहना है कि उनका अनशन तभी टूटेगा जब सरकार की ओर से किसी ठोस प्रयास की शुरुआत की जाएगी। हालांकि अनशन कर रहे दोनों छात्रों का स्वास्थ्य ठीक है, जिसकी जांच जहांगीरपुरी स्थित बाबू जगजीवन राम अस्पताल के डाक्टरों की टीम कर रही है। इस दौरान अनशनकारी छात्र पवन पांडेय ने बताया कि यह प्रदर्शन देश के दूसरे अन्य शहरों में भी जारी है, जिसमें पटना, इलाहाबाद व जयपुर शामिल हैं।

    बृहस्पतिवार को देर रात छात्रों से मिलने पहुंचे आप के नेता प्रो.आनंद कुमार ने कहा कि सी-सेट परीक्षा के जरिये मेडिसिन, इंजीनियरिंग और प्रबंधन के पक्ष में परीक्षाफल बना दिया गया है। इस नई प्रवेश प्रणाली से मेडिसिन और इंजिनियरिंग व प्रबंधन के क्षेत्र में रिसर्च कम होता जा रहा है। ऐसी समस्याओं को दूर करने के लिए समाजशास्त्र व मनोविज्ञान की आवश्यकता होती है। टेक्नोलॉजी के छात्र टेक्नोलॉजी क्षेत्र में अपनी प्रतिभा का प्रयोग करना चाहिए, वहीं ग्रामीण छात्रों को प्रशासनिक सेवा में जाना चाहिए और विज्ञान के छात्रों को चिकित्सा में जाना चाहिए। अंग्रेजी के दबदबे को समाप्त करना चाहिए। उन्होंने सरकार से छात्रों की सभी समस्याओं को जल्द सुलझाने की माग की।

    इससे पहले महाराष्ट्र से आए राज्यसभा सासद रामदास अठावले ने संघ लोक सेवा आयोग की वर्ष-2013 की परीक्षा में हिंदी और अन्य सभी भारतीय भाषाओं के साथ हुए भेदभाव के खिलाफ संसद में जाने की बात कही, वहीं अपना दल पार्टी और उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर से सासद अनुप्रिया पटेल ने भी कहा कि छात्रों को उनका पूरा समर्थन है।

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