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    आठ हजार छात्र-छात्राओं ने किया सूर्य नमस्कार

    By Edited By:
    Updated: Tue, 19 Feb 2013 01:28 AM (IST)

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली : अपनी प्रभावशाली भाषा व चमत्कारी व्यक्तित्व से दुनिया में भारतीय अध्यात्म व संस्कृति का लोहा मनवाने वाले स्वामी विवेकानंद के 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में रामलीला मैदान सामूहिक सूर्य नमस्कार का गवाह बना। जहां करीब 200 स्कूलों के आठ हजार छात्र-छात्राओं ने एक साथ सूर्य नमस्कार के लिए हाथ उठाए। न कोई विरोध, न कोई शोर शराबा, शांत वातावरण में छात्रों ने जब सूर्य नमस्कार शुरू किया तो रामलीला मैदान का नजारा देखने लायक था।

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    यह पहला अवसर है जब दिल्ली में एक साथ इतने छात्रों ने एक साथ सूर्य नमस्कार किया। स्वामी विवेकानंद सा‌र्द्ध शती समारोह समिति द्वारा आयोजित इस सामूहिक सूर्य नमस्कार महायज्ञ में खेल व साहित्य जगत से जुड़े लोग भी उपस्थित रहे। ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के गुरु महाबली सतपाल, कोच रामफल मान, शूटिंग के खिलाड़ी विक्रम भटनागर व प्रख्यात साहित्यकार डॉ. नरेंद्र कोहली बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे, जिन्होंने सूर्य नमस्कार के फायदे बताए।

    लगातार दो दिन हुई बारिश की वजह से रामलीला मैदान गिला हो गया था, जिसका असर आयोजन पर भी दिखा। करीब 12 हजार छात्र-छात्राएं सूर्य नमस्कार करने पहुंचने वाले थे। मैदान गिला होने के चलते आयोजन समिति ने कई स्कूलों को छात्रों को लाने से मना कर दिया था। फिर भी करीब आठ हजार छात्र-छात्राओं ने खुले मैदान व घास पर परंपरागत तरीके से 12 मंत्रों पर 12 स्थितियों में सूर्य नमस्कार किया। छात्र-छात्राएं रंगबिरंगे ड्रेस में पहुंचे थे। पुलिस ने सुरक्षा के तमाम इंतजाम किए थे।

    आयोजकों ने बताया कि सोमवार को तीन शुभ अवसर एक साथ थे। पहला सूर्य रथ सप्तमी है, दूसरा स्वामी विवेकानंद के गुरु स्वामी राधाकृष्ण परमहंस का जन्म सन1836 में 18 फरवरी को ही हुआ था और तीसरा स्वामी विवेकानंद का 150वां जयंती वर्ष। यही वजह थी कि सूर्य नमस्कार के लिए सोमवार का दिन चुना गया। डॉ. नरेंद्र कोहली ने कहा कि स्वामी विवेकानंद दृढ़ निश्चयी थे। छात्रों को उनसे सीख लेकर अपना लक्ष्य तय करना चाहिए। तभी सफलता मिलेगी। छुआछूत और जातिवाद को उन्होंने कभी स्वीकार नहीं किया। इसके लिए दृढ़ता जरूरी है। जिसमें दृढ़ता नहीं है, वह शारीरिक व मानसिक रूप से कमजोर होता है। जिससे व्यक्ति लोभी बन जाता है। देश व समाज के विकास के लिए स्वामी विवेकानंद जैसी दृढ़ता जरूरी है। महाबली सतपाल ने कहा कि सूर्य नमस्कार शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ बनाता है। कोई भी काम करने के लिए स्वस्थ रहना जरूरी है। इस दौरान आयोजन समिति के अध्यक्ष व दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त राधेश्याम गुप्ता भी मौजूद थे।

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