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कुछ यूं हुई खिलाड़ियों और बुकी के बीच पूरी बातचीत

सट्टेबाज और क्रिकेटरों के बीच होने वाली बातचीत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल बराबर नजर बनाए हुए था। सभी के फोन रिकार्ड किए जा रहे थे। इसका अंदाजा तक क्रिकेटर या सट्टेबाजों को नहीं था। सुनते हैं दिल्ली पुलिस द्वारा रिकार्ड की गई बातचीत के कुछ अंश। 5 मई को हुए जयपुर मैच में अजीत चंदीला और अमित (सट्टेबाज) अजीत :

By Edited By: Published: Fri, 17 May 2013 11:10 AM (IST)Updated: Fri, 17 May 2013 11:12 AM (IST)
कुछ यूं हुई खिलाड़ियों और बुकी के बीच पूरी बातचीत

नई दिल्ली। सट्टेबाज और क्रिकेटरों के बीच होने वाली बातचीत पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल बराबर नजर बनाए हुए था। सभी के फोन रिकार्ड किए जा रहे थे। इसका अंदाजा तक क्रिकेटर या सट्टेबाजों को नहीं था। सुनते हैं दिल्ली पुलिस द्वारा रिकार्ड की गई बातचीत के कुछ अंश।

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5 मई को हुए जयपुर मैच में

अजीत चंदीला और अमित (सट्टेबाज)

अजीत : हां भाई बताओ, मुझे मैदान में जाने दो, मैं सब देख लूंगा, पहला ओवर जाने दो। मैं सिग्नल दे दूंगा।

अमित : ठीक है। पहला ओवर कॉन्फिडेंट होकर करना। हमारे लिए दूसरा ओवर भी कॉन्फिडेंस के साथ करना।

अजीत : ओके, ओके, मैं देख लूंगा।

अमित : तुम्हारा सिग्नल क्या रहेगा।

अजीत : दूसरे ओवर से पहले मैं टीशर्ट उठाउंगा और फिर आसमान की तरफ कुछ समय तक देखूंगा। (लेकिन अजीत चंदीला सट्टेबाज को सिग्नल देना भूल गया था। जिसकी वजह से उसने दांव नहीं लगाया।)

9 मई, मोहाली मैच में जीजू जनार्दन और चांद (सट्टेबाज)

चांद : सिग्नल क्या होगा, भाई बता दिया ना। दूसरे ओवर में 14 या ज्यादा रन देगा।

जीजू जनार्दन : मैंने सब बता दिया है। समझा दिया है उसे। ऐसा कोई काम नहीं करेगा जो अनयूजुअल (असामान्य) हो। दूसरे ओवर में टॉवेल अपने आगे लगाएगा।

चांद : ओवर से पहले थोड़ा टाइम देगा। हम गेम में बुकिंग लगा लेंगे।

जीजू : हां बता दिया है।

15 मई, मुंबई मैच

अजीत चंदीला और अंकित चव्हाण (दोनों क्रिकेटर) मैच से पहले। अजीत चंदीला इस मैच में नहीं खेला था। लेकिन उसने दिन भर अंकित को सट्टेबाजी के लिए तैयार किया।)

अंकित : मैं बाहर हूं

अजीत : मैं हां कर दूं फिर

अंकित : हां, मगर कितने में

अजीत : वह 12 कह रहे हैं

अंकित : नहीं, मैं नहीं सोचता इतने कम में यह संभव है

अजीत : मैं उन्हें आश्वासन दे चुका हूं, यह हो जाएगा। क्या मैं हां कर दूं।

अंकित : ठीक है, हां बोल दो

अजीत : मैंने उन्हें 60 (लाख) के लिए बोल दिया है। एक ओवर का।

अंकित : ठीक है, मैं अपने हाथ की घड़ी को हिलाउंगा, इशारे के तौर पर।

अजीत चंदीला और मन्नान (सट्टेबाज) : मैच के बाद

अजीत : भाई, सेठ जी खुश हो गए ना

मन्नान : हां

अजीत : उसके (अंकित) हाथ में सामान (रुपये) मत देना। बात मेरे माध्यम से हुई थी। मैं देखूंगा उसे कितना देना है।

मन्नान : ओके।

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