40 की उम्र, भारत के दो दिग्गज, आखिर कौन है ज्यादा महान?
(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। भारतीय खेल जगत एक सौर्य मंडल या यह कहें कि अंतरिक्ष की तरह है, यहां ग्रह हैं, कुछ छोटे कुछे बड़े, कुछ टूटते तारे भी दिखते है ...और पढ़ें

(शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। भारतीय खेल जगत एक सौर्य मंडल या यह कहें कि अंतरिक्ष की तरह है, यहां ग्रह हैं, कुछ छोटे कुछे बड़े, कुछ टूटते तारे भी दिखते हैं तो कुछ युवा खिलाड़ियों के समान चमकते और बढ़ते सितारे, हर रात अर्थात पूरा जीवन इनके बीच चमक और वर्चस्व की जंग होती है जिस दौरान अंदाजा लगाना मुश्किल होता है कि किसकी चमक ज्यादा प्रभावी है..लेकिन इन सबको अपनी रोशनी से जगमग करने वाला और प्रेरित करने वाला सूरज एक ही होता है..इस समय भारतीय खेल जगत में ऐसे दो सूरज नजर आते हैं जिनके खेल तो अलग हैं लेकिन तरक्की और तिरंगे को सम्मान दिलाने में इनकी भूमिका एक दूजे से जुदा नहीं रही है। सवाल यह है कि आखिर आज इनमें से कौन है भारतीय खेल जगत का असल सूरज, कौन है महानतम?
पढ़ें: पेस अपने 13वें ग्रैंड स्लैम से बस एक जीत दूर
1973 में महज दो महीने के अंतर में भारत के दो ऐसे शेरों ने जन्म लिया था जो शायद इस देश के खेल इतिहास में उथल-पुथल मचाने व विश्व स्तर पर तिरंगे का तेज व मान बढ़ाने के लिए ही आए थे। आज 40 की उम्र में यह दोनों खिलाड़ी अपने-अपने खेल में भारत को को जबरदस्त सफलता दिला चुके हैं और यह जलवा थमने का नाम नहीं ले रहा है, कहना बेहद मुश्किल है कि कौन सबसे महान है...सचिन रमेश तेंदुलकर या लिएंडर पेस। जाहिर है कि क्रिकेट की दीवानगी में चूर यह देश सचिन को क्रिकेट के भगवान का दर्जा दे चुका है लेकिन अगर बड़े स्तर पर बात करें तो क्या लिएंडर पेस की सफलताएं सचिन से कुछ कम रही हैं? राय अलग-अलग हो सकती हैं लेकिन कहना गलत नहीं होगा कि पेस ने इस जंग में बखूबी अपने हुनर से प्रभावित करने की कोशिश की है।
पढ़ें: सचिन अब भी संन्यास लेने के मूड में नहीं
सचिन को जहां पहली बार भारत की तरफ से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का मौका 1989 में मिला वहीं जूनियर टेनिस के बाद खुद को साबित करते हुए पेस को यह मौका 1992 में हासिल हुआ जब वह बार्सिलोना ओलंपिक में उतरे। सचिन ने अपने 24 साल के लंबे करियर में क्रिकेट के मैदान पर तकरीबन सभी बड़े रिकॉर्ड अपने नाम किए, वहीं दूसरी तरफ हैं लिएंडर पेस जिन्होंने एक ऐसे खेल में उतनी ही चमक हासिल की जिसे भारत में उस स्तर पर लोकप्रियता नहीं हासिल थी। सचिन ने जहां भारतीय क्रिकेट को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वो पहचान दी जिसके लिए देश हमेशा उनका अहसानमंद रहेगा, वहीं लिएंडर ने टेनिस जैसे खेल में अपनी अद्भुत सफलता से अकेले दम पर भारत में युवाओं को क्रिकेट से हटकर भी सोचने का हौसला दिया।
सचिन ने क्रिकेट के दोनों प्रमुख प्रारूपों (टेस्ट व वनडे) में सफलता हासिल की, तो वहीं विपरीत स्थितियों में लिएंडर ने टेनिस के चारों ग्रैंड स्लैम खिताबों के डबल्स व मिक्सड डबल्स खिताब अपनी झोली में डाले (मिक्सड डबल्स में फ्रेंच ओपेन को छोड़कर)। बेशक पेस को सचिन की तरह वो तालियां, वो स्वागत और वो हौसलाअफजाई नहीं मिली जिसके वह हकदार थे लेकिन यूएस ओपेन 2013 के डबल्स फाइनल्स में पहुंचकर उन्होंने फिर दिखा दिया कि ना तो उनकी फिटनेस अभी ढली है और ना भारत को सफलता दिलाने का जोश। सवाल बड़ा है, कुछ को अजीब भी लगे, लेकिन यह हमेशा एक बहस का मुद्दा रहेगा कि इन दोनों में आखिर कौन है भारतीय खेल जगत का महानतम सुपरस्टार।
सचिन तेंदुलकर (उम्र- 40):
वनडे क्रिकेट:
मैच- 463
रन- 18,426
शतक- 49
टेस्ट क्रिकेट:
मैच- 198
रन- 15,837
शतक- 51
सफलताएं:
विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा, विश्व में दोनों क्रिकेट प्रारूपों में सबसे ज्यादा रन, पद्म विभूषण, पद्म श्री, अर्जुन अवॉर्ड और राजीव गांधी खेल रत्न जैसे सभी राष्ट्रीय व तमाम अन्य पुरस्कार।
लिएंडर पेस (उम्र- 40):
करियर टाइटल- 52
ग्रैंड स्लैम खिताब- 12
पुरुषों के डबल्स मुकाबलों में:
ऑस्ट्रेलियन ओपेन- एक खिताब
फ्रेंच ओपेन- तीन खिताब
विंबलडन- एक खिताब
यूएस ओपेन- दो खिताब
मिक्सड डबल्स:
ऑस्ट्रेलियन ओपेन- दो खिताब
फेंच ओपेन- 2005 में फाइनल तक
विंबलडन- तीन खिताब
यूएस ओपेन- एक खिताब
बड़ी सफलताएं:
ओलंपिक (1996) में कांस्य पदक, रैंकिंग में सर्वाधिक शीर्ष स्थान हासिल किया, राजीव गांधी खेल रत्न, अर्जुन पुरस्कार और पद्म श्री के रूप में राष्ट्रीय सम्मान के अलावा विश्व स्तर पर कई और बड़े पुरस्कार।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।