जब शालीन सचिन बोले और जमकर ली चयनकर्ताओं की क्लास..
चिन्नास्वामी स्टेडियम पर शनिवार शाम जब क्रिकेट जगत के तमाम दिग्गज कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन की 75वीं सालगिरह के मौके पर जश्न समारोह में पहुंचे तो उस दौरान वहां मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे। सभी मंच पर बोलने को तैयार थे लेकिन असली इंतजार था सचिन के मंच पर आने का, और जब वह आए तो इस बार अलग ही अंदाज में नजर आए। बिल्कुल ऐसा ही लगा कि कोई सांसद, सभा में अपने रंग में आ गया हो। सचिन ने बातों-बातों में चयनकर्ताओं को जमकर नसीहतें दीं..
बेंगलुरू। चिन्नास्वामी स्टेडियम पर शनिवार शाम जब क्रिकेट जगत के तमाम दिग्गज कर्नाटक क्रिकेट एसोसिएशन की 75वीं सालगिरह के मौके पर जश्न समारोह में पहुंचे तो उस दौरान वहां मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर भी मौजूद थे। सभी मंच पर बोलने को तैयार थे लेकिन असली इंतजार था सचिन के मंच पर आने का, और जब वह आए तो इस बार अलग ही अंदाज में नजर आए। बिल्कुल ऐसा ही लगा कि कोई सांसद, सभा में अपने रंग में आ गया हो। सचिन ने बातों-बातों में चयनकर्ताओं को जमकर नसीहतें दीं..
समारोह में के.श्रीकांत, सय्यद किरमानी जैसे कई ऐसे पूर्व दिग्गज मौजूद थे जो बीसीसीआइ की चयन समिति की कमान संभाल चुके हैं, सचिन ने इन सभी की मौजूदगी में अपने शालीन अंदाज में चयनकर्ताओं को नसीहत देते हुए कहा कि चयनकर्ता कागजों और रिकॉर्डो को ना देखते हुए खिलाड़ी के जज्बे, उसके हुनर और उसकी क्षमता को परखें तब किसी खिलाड़ी को लेकर फैसला लें। सचिन ने कहा, 'सेलेक्शन स्कोरबुक की तरफ देखना नहीं है। एक चयनकर्ता खिलाड़ी को उसके भारी-भरकम स्कोर की वजह से चुन सकता है लेकिन यह काम नहीं करता। मैंने कई ऐसे खिलाड़ियों को देखा है जो घरेलू क्रिकेट में अच्छा खेले हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में आकर वे इतना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सके। यह नजरिए की बात है। जब सेलेक्शन की बात आती है तब आपको एक खिलाड़ी को बारीकी से परखना होता है। अगर वह कुछ मैचों में असफल भी हो जाता है तब भी आपको देखना होता है कि क्या वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दबाव और रणनीति को सही तरह से झेलने में सक्षम है।'
सचिन ने चयनकर्ताओं को अपने इन बयानों के जरिए काफी नसीहतें दीं हालांकि एक सच यह भी है कि मास्टर ब्लास्टर को भी कई बार इन्हीं चयनकर्ताओं ने खराब फॉर्म के बावजूद दर्जनों मौके दिए, हां, कभी उनके रिकॉर्ड को देखते हुए तो कभी उनके अनुभव और वापसी करने की क्षमता को देखते हुए, लेकिन मौके मास्टर ब्लास्टर को भी दिए गए। हाल ही में वनडे में अपने लड़खड़ाते फॉर्म को देखते हुए सचिन ने इस छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया था और फिर आइपीएल से भी। सचिन ने समारोह में टी20 क्रिकेट को भी खेल का अहम हिस्सा बताया और कहा कि इस प्रारूप ने खेल को दिलचस्प बनाया है।
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