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    आज का अर्जुन: 'यह दबाव नहीं हौसला देने वाला लम्हा है'

    By Edited By:
    Updated: Sun, 01 Sep 2013 11:12 AM (IST)

    (शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। तालियों की गड़गड़ाहट और गजब की हौसलाअफजाई के बीच जब भारतीय क्रिकेट के भविष्य व मौजूदा टीम के सबसे धमाकेदार इन फॉर्म बल्लेबाज ...और पढ़ें

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    (शिवम् अवस्थी), नई दिल्ली। तालियों की गड़गड़ाहट और गजब की हौसलाअफजाई के बीच जब भारतीय क्रिकेट के भविष्य व मौजूदा टीम के सबसे धमाकेदार इन फॉर्म बल्लेबाज विराट कोहली राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से अर्जुन पुरस्कार लेने बढ़े तो वहां मौजूद उनके परिजनों व तमाम चाहने वालों के चेहरे पर अलग चमक थी। जाहिर तौर पर अर्जुन पुरस्कार इस बात की गूंज है कि इस क्रिकेटर ने कम समय में वह सब कुछ हासिल किया जिसे तमाम हुनरमंद पूरी जिंदगी भर ताकते रह जाते हैं। कोहली के मुताबिक यह उनके जीवन के सबसे खास लम्हों में से एक था। पुरस्कार हासिल करने राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होने से कुछ ही क्षणों पहले उनसे की गई मुख्तसर बातचीत के कुछ अंश:

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    पुरस्कार जाहिर तौर पर आपकी जिंदगी का एक खास लम्हा, एक खास उपलब्धि होगी, कैसा महसूस हो रहा है?

    विराट कोहली: बिल्कुल, यह जिंदगी का वाकई एक खास लम्हा है। कभी सोचा नहीं था। बेहद खुश हूं और सभी को इसके लिए धन्यवाद देना चाहता हूं और आगे भी देश के लिए अच्छा करने की कोशिश करूंगा।

    प्र: आपके प्रदर्शन में हर साल सुधार देखने को मिला है, यह पुरस्कार इस फॉर्म और भविष्य के लिए कितना माएने रखता है?

    विराट कोहली: जाहिर है कि यह एक बहुत बड़ी सफलता है। ऐसे पुरस्कार आपको प्रेरणा देते हैं और आगे बढ़ने के लिए हौसला प्रदान करते हैं। उम्मीद यही करता हूं और कोशिश करूंगा कि जैसा प्रदर्शन पिछले कुछ सालों में करता आया हूं ,उसे बरकरार रख सकूं और टीम इंडिया की सफलता में अहम योगदान दे सकूं।

    प्र: अब तक आपको मैदान पर तमाम पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है, लेकिन अर्जुन अवॉर्ड मिलने के बाद क्या आपको नहीं लगता कि अब जिम्मेदारी थोड़ी और बढ़ जाती है?

    विराट कोहली: नहीं, यह पुरस्कार हौसला प्रदान करता है, इससे दबाव का कोई लेना-देना नहीं है। मेरे मुताबिक जब किसी को ऐसा पुरस्कार दिया जाता है तो वह उसकी सफलताओं का तोहफा और शाबाशी होती, इससे दबाव बिल्कुल नहीं आएगा। मैं तो यह कहूंगा कि इसको हासिल करने के बाद मैदान पर उतरकर अच्छा प्रदर्शन करने का हौसला मिलेगा और ऐसा ही करने की ओर अब अग्रसर भी हूं। यह एक खुशी की बात है।

    प्र: जिस अंदाज में आपका फॉर्म दिख रहा है, अर्जुन पुरस्कार अब आपके पास है। क्या अब राजीव गांधी खेल रत्न भी करीब है?

    विराट कोहली: (मुस्कराते हुए) नहीं, फिलहाल इसी लम्हे में हूं, इस बारे में कभी सोचा नहीं। यह एक बड़ी सफलता है, मेरा लक्ष्य है मैदान पर अच्छा प्रदर्शन करना, अगर मैं ऐसा जारी रख पाता हूं और आगे उसके लिए पुरस्कार मिलते हैं तो यह खुशी की बात होगी, यह आपकी हौसलाअफजाई करता है।

    24 वर्षीय विराट कोहली 2008 में वनडे क्रिकेट के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर का आगाज किया और 2011 में उन्हें टेस्ट क्रिकेट में ब्रेक मिला। तब से लेकर अब तक दोनों ही फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन शानदार रहा है। 18 टेस्ट मैचों में अब तक 1175 रन, जिसमें चार शतक शामिल हैं। वहीं, 113 वनडे मैचों में 49.72 की औसत से 4575 रन जिसमें 15 शतक शामिल हैं, इस बात को साबित करता है कि कोहली ने कम समय में भारतीय क्रिकेट टीम में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। विश्व कप 2011 की विजयी टीम का हिस्सा होना हो, हाल ही में युवा भारतीय टीम को पहली बार विदेश में (जिंबॉब्वे) अपनी अगुवाई में क्लीन स्वीप हासिल कराना हो या फिर 2012 में आइसीसी द्वारा वनडे प्लेयर ऑफ द इयर का पुरस्कार जीतना हो। इस खिलाड़ी का सफर शुरुआत से ही फास्ट ट्रैक पर रहा है और इसी सफर में उनके ताज में अर्जुन अवॉर्ड भी अब एक खास नग की तरह जड़ चुका है।

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