..और आखिरी घरेलू मैच में चल पड़ा 'क्रिकेट के भगवान' का बल्ला
हरियाणा के छोटे से गांव लाहली के लिए सचिन तेंदुलकर का वहां आना भर एक बड़े त्योहार से कम नहीं था। मौका और बड़ा इसलिए हो गया था क्योंकि यह सचिन के घरेलू क ...और पढ़ें

लाहली। हरियाणा के छोटे से गांव लाहली के लिए सचिन तेंदुलकर का वहां आना भर एक बड़े त्योहार से कम नहीं था। मौका और बड़ा इसलिए हो गया था क्योंकि यह सचिन के घरेलू क्रिकेट करियर का आखिरी मैच था, उम्मीदें दोगुनी थीं। किसी की भी घरेलू फैन की नजर अपनी घरेलू टीम हरियाणा पर नहीं थी, सबकी धड़कन सिर्फ एक ही नाम पर चल रही थी, सचिन..सचिन और सचिन। पहली पारी में तो सचिन 5 रन बनाकर सस्ते में आउट हो गए, लेकिन दूसरी पारी में मास्टर ने आखिर अपनी विदाई को 'शान'दार रूप दे ही दिया।
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सचिन मैदान पर तब आए जब दूसरी पारी में मुंबई के सामने 240 रनों का लक्ष्य था, सामने पूरे दो दिन बाकी थे और घातक तेज पिच पर 87 रन पर दो अहम बल्लेबाज जाफर और रहाणे पवेलियन लौट चुके थे। सचिन के आने के कुछ ही देर बाद ओपनर कौस्तुभ पवार भी 47 रन बनाकर आउट हो गए। अब सबकी नजर और उम्मीद सिर्फ सचिन पर ही टिकीं थीं। एक छोर पर विकेटों का पतझड़ जारी थी तो दूसरी ओर मास्टर धीरे-धीरे अपनी पारी को आगे बढ़ाते रहे। आखिरकार उन्होंने 105 गेंदों पर अपना अर्धशतक पूरा कर ही लिया (उनके प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर का 115वां अर्धशतक) और लाहली के मैदान पर अपने सबसे चहेते क्रिकेटर को देखने आए हजारों फैंस को वह नजारा देखने को मिल ही गया जिसका उनको इंतजार था, सचिन ने हवा में बल्ला लहराया और फैंस झूम उठे।
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