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    आइसीसी था बेबस, लेकिन उसको भी थी आइपीएल फिक्सिंग की भनक!

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    Updated: Fri, 02 Aug 2013 11:23 AM (IST)

    दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से पहले आइसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) को भी आइपीएल में कुछ गड़बड़ी होने की भनक लग गई थी। हालांकि पुख्ता सुबूत हाथ न लग पाने पर वह कोई कार्रवाई नहीं कर पाई थी। स्पॉट फिक्सिंग केस की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने इसका खुलासा किया है।

    प्रदीप कुमार सिंह, नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस की कार्रवाई से पहले आइसीसी (इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल) को भी आइपीएल में कुछ गड़बड़ी होने की भनक लग गई थी। हालांकि पुख्ता सुबूत हाथ न लग पाने पर वह कोई कार्रवाई नहीं कर पाई थी। स्पॉट फिक्सिंग केस की चार्जशीट में दिल्ली पुलिस ने इसका खुलासा किया है। सुबूत के तौर पर आइसीसी की भ्रष्टाचार निरोधी और सुरक्षा इकाई के क्षेत्रीय प्रबंधक धर्मपाल सिंह यादव के बयान की कॉपी भी चार्जशीट में जोड़ी गई है।

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    पुलिस सूत्रों के अनुसार, खिलाड़ियों एवं सट्टेबाजों के गठजोड़ की कलई भी आइसीसी अधिकारी के बयान से खुल जाती है। इस बयान से आइपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले के आरोपियों पर शिकंजा और कसेगा। पुलिस के समक्ष नागपुर के सट्टेबाज सुनील भाटिया ने बयान दिया था कि वह वर्ष 2010 में पूर्व रणजी खिलाड़ी बाबू राव यादव के साथ बांग्लादेश गया था। जहां ज्ञान नामक व्यक्ति ने उसको श्रीलंकाई खिलाड़ी महेला जयवर्धने के अलावा रोहित शर्मा और दिनेश कार्तिक से मिलवाया था।

    सुनील भाटिया का बयान भी चार्जशीट में है। आरोपपत्र के अनुसार धर्मपाल सिंह यादव ने बयान दिया है कि सुनील भाटिया को ढाका के पान पैसेफिक होटल में उन्होंने देखा था, जहां क्रिकेट टीम रुकी हुई थी। इसके बाद उसे एक मैच के दौरान उन्होंने श्रीलंका में भी देखा था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार इससे साबित होता है कि सुनील भाटिया अक्सर मैचों के आयोजन के दौरान उन स्थानों पर मौजूद रहता था जहां खिलाड़ी रुकते थे।

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