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    भज्जी ने फिर भरी हुंकार, क्या अब लौटेंगे टीम इंडिया में?

    टीम इंडिया से लंबे समय से दूर चल रहे हरभजन सिंह ने एक बार फिर हुंकार भरी है। रणजी सीजन में पंजाब की अगुआई करते हुए शनिवार को ओडिशा के खिलाफ भज्जी ने पहली पारी में 6 विकेट लेकर खलबली मचा दी। हाल ही वो चैंपियंस लीग टी20 में भी मुंबई की फाइनल में जीत के सूत्रदार साबित हुए थे। ऐसे में उन्होंने एक बार फिर टेस्ट और वनड

    By Edited By: Updated: Mon, 28 Oct 2013 06:01 PM (IST)

    मोहाली। टीम इंडिया से लंबे समय से दूर चल रहे हरभजन सिंह ने एक बार फिर हुंकार भरी है। रणजी सीजन में पंजाब की अगुआई करते हुए शनिवार को ओडिशा के खिलाफ भज्जी ने पहली पारी में 6 विकेट लेकर खलबली मचा दी। हाल ही वो चैंपियंस लीग टी20 में भी मुंबई की फाइनल में जीत के सूत्रदार साबित हुए थे। ऐसे में उन्होंने एक बार फिर टेस्ट और वनडे के लिए टीम इंडिया में अपनी वापसी का दावा ठोंक दिया है।

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    हाल ही में चैंपियंस लीग टी20 फाइनल में मुंबई इंडियंस की तरफ से राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ भज्जी ने 32 रन देकर 4 विकेट लिए थे। उनके उस मैच जिताऊ प्रदर्शन के बाद से हर जगह भज्जी के फॉर्म में लौटने की चर्चा होने लगी, लेकिन अभी असल परीक्षा बाकी थी। उन्हें टीम इंडिया में अपनी वापसी का दावा ठोंकने के लिए घरेलू क्रिकेट में भी अच्छा प्रदर्शन करने की जरूरत थी...और हुआ भी ठीक वैसा ही। भज्जी ने रविवार को ओडिशा के खिलाफ 28.2 ओवर में महज 54 रन देते हुए 6 अहम विकेट चटका दिए। इस दौरान उन्होंने अद्भुत अंदाज में 12 मेडन ओवर भी फेंके। भज्जी ने ओडिशा की टीम के टॉप ऑर्डर के उन सभी इन फॉर्म बल्लेबाजों को पवेलियन भेजा जो कि खतरा नजर आ रहे थे। भज्जी ने गिरीजा राउत (38), गोविंद पोद्दार (42), ओडिशा के कप्तान बिपलब समांत्रे (30) के रूप में तीन टॉप ऑर्डर के बल्लेबाजों को अर्धशतक तक पहुंचने से रोका, जबकि मिडिल ऑर्डर में विकेटकीपर बल्लेबाज हलहदर दास (0) को उन्होंने डक पर आउट कर दिया। इसके बाद पारी के अंत में आखिरी दो खिलाड़ियों (आलोक मंगाराज और धीरज सिंह) को भी भज्जी ने सस्ते में समेटते हुए विरोधी टीम को 205 रनों के अंदर ऑल आउट करने में अहम भूमिका निभाई और कप्तानी को बखूबी अंजाम दिया।

    पहले चैंपियंस लीग टी20 में शानदार गेंदबाजी ने जहां उन्होंने छोटे फॉर्मेट में अपने फॉर्म में लौटने का संदेश चयनकर्ताओं तक भेजा वहीं रणजी ट्रॉफी में इस शानदार प्रदर्शन से अब उन्होंने टेस्ट टीम में भी वापसी का दावा ठोंक दिया है। जाहिर है कि इस समय टीम के ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी काफी संघर्ष करते दिख रहे हैं और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा वनडे सीरीज में विरोधी बल्लेबाजों ने तकरीबन हर मैच में उन्हें जमकर निशाना बनाया है। ऐसे में अगर भज्जी वेस्टइंडीज सीरीज के लिए होने वाली टीम घोषणा तक अच्छा प्रदर्शन करने में सक्षम रहते हैं तो मुमकिन है कि मार्च में अपना आखिरी टेस्ट खेलने वाले इस अनुभवी गेंदबाज को एक बार फिर राष्ट्रीय टीम में मौका मिल जाए। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मार्च 2012 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था। जबकि उसी सीरीज के आखिरी मैचों (मोहाली व दिल्ली टेस्ट) में वो नहीं खेल सके थे।

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