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    ऑस्ट्रेलिया को सुधारनी होगी बल्लेबाजी

    By Edited By:
    Updated: Sat, 17 Aug 2013 08:23 PM (IST)

    (सुनील गावस्कर) इंग्लैंड इस समय शानदार फॉर्म में चल रहा है और उसे रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया कुछ नहीं कर पा रहा है। यह बिल्कुल इस साल की शुरुआत में भारत ...और पढ़ें

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    (सुनील गावस्कर) इंग्लैंड इस समय शानदार फॉर्म में चल रहा है और उसे रोकने के लिए ऑस्ट्रेलिया कुछ नहीं कर पा रहा है। यह बिल्कुल इस साल की शुरुआत में भारत में फरवरी-मार्च में खेली गई सीरीज जैसी स्थिति है। उस समय भी ऑस्ट्रेलिया ने ऐसे मौके पर मैच गंवाया था, जहां लग रहा था कि मैच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा है। उनकी बल्लेबाजी ताश के पत्तों की ढह रही है और अगर जब तक कोई एक बल्लेबाज वैसी पारी नहीं खेलेगा, जैसी कि माइकल क्लार्क ने तीसरे टेस्ट मैच में खेली थी, तो इंग्लैंड को पांचवां टेस्ट जीतने में कोई मुश्किल होती नहीं दिख रही।

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    बल्लेबाजी लाइन अप में बदलाव होना तय है और उस्मान ख्वाजा का बाहर होना सुनिश्चित है। वह अच्छी शुरुआत करने में सफल रहे और विकेट पर कुछ समय भी बिताया, लेकिन वह हमेशा मुश्किल में ही नजर आए। लॉ‌र्ड्स में अर्धशतक बनाने के बावजूद कमेंटेटर और मीडिया ऐसे बात कर रही थी, जैसे कि वह ऑस्ट्रेलियाई न हों। निश्चित तौर पर वह पूरी तरह से ऑस्ट्रेलियाई नहीं हैं, लेकिन पहले भी ऐसा कई बार हुआ है, जब यूरोप आकर बसे प्रवासियों के बच्चों ने ऑस्ट्रेलियाई टीम का प्रतिनिधित्व किया। इससे किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा कि उनका नाम ऑस्ट्रेलियाई है या नहीं। अगर ऑस्ट्रेलिया ने अपनी बल्लेबाजी में सुधार नहीं किया और गेंदबाजों के लिए पर्याप्त रन नहीं बनाए तो ओवल में भी मैच चौथे दिन ही खत्म होता दिखाई देगा।

    पीठ में परेशानी के चलते टिम ब्रेसनन मैदान में नहीं उतर पाएंगे। इससे बहुत से लोगों को हैरानी होनी चाहिए कि आधुनिक दिनों के ट्रेनिंग कार्यक्रम में वजन उठाने की ट्रेनिंग आदर्श स्थिति है या नहीं। तेज गेंदबाजी हर तरह से एक मुश्किल काम है, इससे शरीर पर सबसे ज्यादा जोर पड़ता है और जब शरीर को मजबूती की जरूरत होती है, तो क्या वजन उठाना सही है, यह बड़ा सवाल है। स्टुअर्ट ब्रॉड भी चोटों से जूझ रहे हैं, लेकिन जब वह फिट होते हैं तो वह एक मैच टर्नर साबित होते हैं। जब ऑस्ट्रेलिया 299 के लक्ष्य का पीछा कर रहा था, तब उन्होंने बिल्कुल ऐसा ही किया। चालाकी से शॉर्ट गेंद का उपयोग करते हुए ब्रॉड ने अपनी गेंदबाजी में अच्छी विविधता दिखाई। मैच में 11 विकेट लेकर उन्होंने टेस्ट करियर में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। (पीएमजी)

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