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डिविलियर्स-रबादा से नहीं भारत को इन दोनों से रहना होगा बचके, हैं बेहद ही खतरनाक

भारत की बल्लेबाजी शानदार रही है, इसलिए उन्हें लक्ष्य का पीछा करना चाहिए। लेकिन टीम इंडिया को सेमीफाइनल में पहुंचने के लिए इन दो दिग्गज़ों से बचकर रहना होगा।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sat, 10 Jun 2017 08:35 PM (IST)Updated: Sun, 11 Jun 2017 04:16 PM (IST)
डिविलियर्स-रबादा से नहीं भारत को इन दोनों से रहना होगा बचके, हैं बेहद ही खतरनाक
डिविलियर्स-रबादा से नहीं भारत को इन दोनों से रहना होगा बचके, हैं बेहद ही खतरनाक

(गावस्कर का कालम)

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श्रीलंका ने भारत के विशाल लक्ष्य को हासिल कर चैंपियंस ट्रॉफी के आखिरी दो दिन नॉकआउट बना दिए हैं। भारत-दक्षिण अफ्रीका और पाकिस्तान-श्रीलंका के बीच होने वाले मैचों में विजेता ही सेमीफाइनल में पहुंचेगा। इस वजह से खिलाडि़यों पर काफी दबाव होगा। यहीं पर दक्षिण अफ्रीका के पास मौका है कि वे साबित करें कि अब वे चोकर नहीं हैं और परिपक्व हो चुके हैं।

पिछला रिकॉर्ड देखें तो दक्षिण अफ्रीका लीग चरण में अच्छा करता है क्योंकि खिलाडि़यों को पता होता है कि अभी अगला मैच बचा हुआ है, लेकिन नॉकआउट मैच में उन्होंने हमेशा निराश किया है। व्यक्तिगत तौर पर दक्षिण अफ्रीका के कई खिलाड़ी दुनिया के महान खिलाडि़यों में शुमार हैं।

क्विंटन डि कॉक का भारत के खिलाफ वनडे में रिकॉर्ड गजब का है। ऐसा लगता है कि भारत के खिलाफ वह मनमर्जी से शतक लगाते हैं। इसके बाद फाफ डुप्लेसिस सुनहरे सपने जैसी बल्लेबाजी करते हैं। उनके बाद मिस्टर 360 डिग्री एबी डिविलियर्स आते हैं, जो कुछ ही ओवरों में मैच को विपक्षी टीम के हाथों से छीन सकते हैं।

इनसे रहना होगा बचके

इन सबसे पहले बर्फ की तरह ठंडे हाशिम अमला भी हैं। वह आज के बल्लेबाजों जैसे नहीं हैं, जो उपलब्धि हासिल करने पर शोर मचाते हैं। वह बस हेलमेट उतारकर बल्ले को उठाकर बस मुस्कुराते हुए दर्शकों और अपने साथियों का अभिवादन स्वीकार करते हैं। इसके बाद वह फिर अपने काम में ऐसे लग जाते हैं, जैसे कुछ हुआ ही न हो। वह और डिकॉक मिलकर एक बहुत ही खतरनाक सलामी जोड़ी बनाते हैं। दोनों को ही ज्यादा चर्चा में रहना पसंद नहीं है। उन्हें बल्लेबाजी करना पसंद है। वे बिना उत्साही हुए गेंद को बाउंड्री पार पहुंचाते रहते हैं। जब तक विपक्षी टीम का ध्यान स्कोर बोर्ड पर जाता है, तब तक वे अच्छे रन रेट के साथ शतकीय साझेदारी कर चुके होते हैं।

भारत को मौजूदा फॉर्म को देखते हुए इन दोनों से ज्यादा सतर्क रहना होगा। भारत को यह सुनिश्चित करना होगा कि ये दोनों बल्लेबाज ज्यादा ओवर न खेलें। अगर ओवल की पिच श्रीलंका के मैच जैसा ही बर्ताव करती है, तो भारतीय गेंदबाजों की कड़ी परीक्षा होनी तय है। इस पिच से तेज गेंदबाजों को थोड़ा उछाल और गति दोनों मिल रही है, ऐसे में रबादा और मोर्केल काफी उपयोगी साबित हो सकते हैं।

अब तक खेले दोनों मैचों और अभ्यास मैचों में भारत की बल्लेबाजी शानदार रही है, इसलिए उन्हें लक्ष्य का पीछा करना चाहिए। हालांकि, मौसम में भी सुधार हो रहा है, फिर भी डकवर्थ लुईस नियम अपनी भूमिका निभा सकता है। टॉस के समय दोनों कप्तानों के दिमाग में यह बात जरूर होगी। हमेशा की तरह इस मैच में भी जो टीम छोटी-छोटी गलतियों से बचेगी, वो विजयी होगी।
(पीएमजी)


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