जब सहवाग की मार से परेशान हो गए थे अश्विन, बच्चों की तरह की थी पिटाई
अश्विन ने कहा कि आगे चलकर उन्होंने सहवाग से निपटने का तरीका ढूंढ निकाला।
नई दिल्ली, आइएएनएस। भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग की तूफानी बल्लेबाजी से काफी गेंदबाज परेशान रहते थे। इस समय भारत के शीर्ष स्पिनर रविचंद्रन अश्विन भी इससे अछूते नहीं रहे।
'व्हॉट द डक' नाम के एक कार्यक्रम में अश्विन ने सहवाग के साथ कुछ साल पहले किए गए अभ्यास सत्र को याद किया।
उन्होंने कहा, 'दांबुला का एक किस्सा है। मैंने पहली गेंद ऑफ स्टंप के बाहर डाली, सहवाग ने कट किया। अगली गेंद मैंने ऑफ स्टंप पर डाली उस पर भी उन्होंने कट खेला। अगली गेंद मिडिल स्टंप पर डाली उस पर भी उन्होंने कट किया। अगली गेंद मैंने लेग स्टंप पर फेंकी, उन्होंने एक बार फिर कट खेला। मैंने सोचा, हो क्या रहा है। अगली गेंद मैंने फुल डाली उन्होंने उस पर छक्का मार दिया।'
अश्विन उस वक्त भारतीय टीम में जगह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इस घटना से उनके आत्मविश्वास पर असर पड़ा था। उन्होंने कहा, 'इसके बाद मैंने अपने आप से कहा कि या तो मैं इस बल्लेबाज के खिलाफ अच्छा नहीं कर पा रहा हूं या फिर यह बेहतरीन बल्लेबाज है, जो वो हैं। मैंने नेट्स में कभी इतना संघर्ष नहीं किया। मैंने कुछ दिनों तक इसे ध्यान से देखा। इसके बाद मैं अपने आप को रोक नहीं सका और सहवाग के पास गया और पूछा मैं सुधार करने के लिए क्या करूं।'
अश्विन ने कहा, 'अगर मैं सचिन से पूछता तो वह मुझे कुछ टिप्स देते। अगर मैं एमएस (धौनी) से पूछता तो वह अपना नजरिया बताते। वीरू ने मुझसे कहा कि मैं ऑफ स्पिनर को गेंदबाज नहीं मानता। वे मुझे बिल्कुल भी परेशान नहीं करते। मुझे उन्हें मारना आसान लगता है। मैंने कहा, सर आप मुझे कट पर कट मार रहे थे। उन्होंने कहा मैं ऑफ स्पिनर को ऑफ साइड पर अगेंस्ट द स्पिन और लेफ्ट आर्म स्पिनर को अगेंस्ट द स्पिन लेग साइड पर मारता हूं।' अश्विन ने आगे बताया, 'मैंने कहा ठीक है। अगले दिन मैंने कुछ और करने की कोशिश की, लेकिन एक बार फिर उन्होंने मुझे मारा। वह मेरी गेंदों को वैसे ही मार रहे थे जैसे कि मैं किसी 10 साल के बच्चे की गेंद को मारता।'
अश्विन ने कहा कि आगे चलकर उन्होंने सहवाग से निपटने का तरीका ढूंढ निकाला। वह तरीका यह था कि जितनी खराब गेंद उन्हें डाली जा सकती है, डाली जाए।
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