इशांत ने टीम इंडिया के लिए खड़ी की मुसीबत : मांजरेकर
पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने श्रीलंका के खिलाफ तेज गेंदबाज ईशांत शर्मा के अधिक आक्रामकता की आलोचना की।
नई दिल्ली। पूर्व भारतीय बल्लेबाज संजय मांजरेकर ने श्रीलंका के खिलाफ तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के अधिक आक्रामकता की आलोचना की।
इशांत ने दौरे पर गेंद से कमाल का प्रदर्शन किया, जिसकी बदौलत टीम इंडिया ने दूसरा व तीसरा टेस्ट जीतकर सीरीज 2-1 से अपने नाम की। मगर दिल्ली के तेज गेंदबाज का प्रदर्शन श्रीलंकाई खिलाडि़यों से विवाद के कारण प्रभावित हुआ जिसका नतीजा उन्हें एक मैच का प्रतिबंध झेलना पड़ा। अब ईशांत दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे।
मांजरेकर का मानना है कि इशांत ने अपने बर्ताव से भारतीय टीम को नुकसान पहुंचाया। उन्होंने कहा- गेंदबाज को लगे कि बल्लेबाज आउट है, लेकिन अंपायर उसे कई बार नॉटआउट दे और फिर गेंदबाज उसका विकेट लेने में कामयाब हो जाए तो उसका गुस्सा निश्िचत की दिखता है। मगर इशांत ने बिना किसी कारण के श्रीलंका दौरे पर अपना गुस्सा जाहिर किया।
मांजरेकर ने अपने कॉलम में लिखा- इस (इशांत) तेज गेंदबाज ने भारत को नुकसान पहुंचाया जो उस पर काफी निर्भर कर रही है। जैसे ही इशांत ने फॉर्म हासिल किया, अब वो दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट नहीं खेल सकेगा।
उन्होंने कहा कि जब विकेट गिरता है, इसका मतलब बल्लेबाज फेल हो गया और गेंदबाज सफल, लेकिन गेंदबाज किसी कारण से गुस्सा हो गया, यह समझ नहीं आता कि गुस्सा कैसे सफलता दिला सकता है।
इशांत ने दूसरे टेस्ट में अच्छी लय हासिल की, लेकिन वह दूसरे और तीसरे टेस्ट में बहुत आक्रामक रहे। इसका साफ मतलब है कि टेस्ट कप्तान विराट कोहली और टीम निदेशक रवि शास्त्री ने ईशांत के बर्ताव को प्रोत्साहित किया और इससे यह भी दिख रहा है कि भारतीय टीम अब आक्रामक सोच के साथ ही आगे बढ़ना चाहती है।
उन्होंने कहा कि इशांत को दो बार अपनी मैच फीस 65 प्रतिशत कटने से सबक नहीं मिला और तीसरे टेस्ट में भी वो आउट होने वाले बल्लेबाज के चेहरे के सामने चिल्लाने लगे।
पूर्व बल्लेबाज ने बताया कि एक हादसा टेलीविजन ने नहीं दिखाया। प्रसाद बल्लेबाजी करने आए और इशांत उन पर बरसने जा रहे थे, लेकिन कोहली ने तेज गेंदबाज को रोक दिया। इससे समझ आया कि इशांत अपनी तरफ से आक्रामक नहीं होना चाहते हैं बल्कि इससे कोहली-शास्त्री की साझेदारी पर चिंता करने की जरूरत है।
मांजरेकर ने आगे बताया कि ऑस्ट्रेलिया और श्रीलंका पर युवा टीम आक्रामक रवैया अपनाकर चली। शायद यह आक्रामक क्रिकेट का नया रूप हो। अगर मामला यह है तो वह क्रिकेट नहीं है। इस आक्रामक क्रिकेट के कारण भारत को अपने स्ट्राइक गेंदबाज को पहले टेस्ट में गंवाना पड़ा।
मांजरेकर ने इशांत को दो श्रीलंकाई तेज गेंदबाजों से प्रेरणा लेने की बात कही। उन्होंने कहा कि इशांत को धम्मिका प्रसाद से प्रेरणा लेनी चाहिए जिन्होंने भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया। वह बिना किसी विवाद के पूरी सीरीज में खेले।
हालांकि इशांत की तारीफ करते हुए मांजरेकर ने कहा कि उनकी गेंदबाजी में गजब का सुधार हुआ है। मांजरेकर ने बताया कि इशांत की कलाई की पोजीशन सही हुई है और इससे उन्हें गेंद ऊपर डालने में फायदा मिला।