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    अटल-आडवाणी युग का हो चुका है अंत

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    Updated: Thu, 07 Nov 2013 03:22 AM (IST)

    राजनांदगांव [ब्यूरो]। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी श्रीमती अलका मुदलियार समर्थन करने पहुंची भाजपा की पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्रीमती करणा शुक्ला ने कहा कि भाजपा में अटल-आडवाणी युग का अंत हो चुका है। इसके साथ ही पार्टी में आदर, मान-सम्मान, प्रतिष्ठा, मर्यादा भी खत्म हो चुकी है। पार्टी केवल बाहुबली और धनी लोगों के लिए ही रह गई है। श्रीमती शुक्ला यहां श्रीमती मुदलियार के निवास में पत्रकारों से चर्चा कर रही थीं ।

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    उन्होंने कहा कि भाजपा को जो बुलंदियां पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी और वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने दी थी, अब इस पार्टी में वह बात नहीं रह गई है। भाजपा के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी पर गोधरा कांड के दाग लगे हुए हैं जो कभी भी धूल नहीं सकेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के साथ भी झीरमघाटी का दाग है।

    उन्होंने कहा कि झीरमघाटी में कांग्रेस के दिग्गज नेता मारे गए। यह भाजपा सरकार की सबसे ब़़डी चूक है। रमन खुद की सुरक्षा के लिए हजारों की संख्या में सुरक्षा बल लेकर चले, लेकिन कांग्रेसियों की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दिया। पिछले 10 साल में राज्य में नक्सली समस्या बढ़ी है।

    श्रीमती शुक्ला ने कहा कि अलका के समर्थन का मतलब कांग्रेस से जु़़डना या कांग्रेस का समर्थन करना नहीं है। वे इस चुनाव में ऐसे सभी प्रत्याशियों को जीत दिलाने प्रयास करेंगी जिनका उनके साथ व्यक्तिगत अच्छा संबंध रहा है। उन्होंने कहा कि स्व. मुदलियार उन्हें ब़़डी बहन की तरह मानते थे। दोनों 1993 में विधायक बने थे। इस दौरान कई बार दोनों ने एक साथ ट्रेन में सफर भी किया।

    भ्रामक प्रचार कर रहे रमन

    श्रीमती शुक्ला ने कहा कि 24 नवंबर को उन्होंने भाजपा से इस्तीफा दिया। इसके बाद से मुख्यमंत्री डॉ. सिंह एवं प्रदेश प्रभारी श्री नड्डा भ्रामक प्रचार कर रहे हैं कि उन्हें मना लिया जाएगा। पार्टी में उनकी वापसी होगी।

    उन्होंने 32 साल तक पार्टी के लिए काम किया। अब इस्तीफा मान-मनौव्वल के लिए नहीं दिया है। वे मर जाएंगी लेकिन कभी भाजपा में वापस नहीं जाएंगी। भाजपा के शीषर्ष नेताओं ने उनकी राजनीतिक हत्या कर दी है।

    बागियों का करेंगी प्रचार

    पार्टी ने इस बार कई दिग्गज भाजपाइयों को टिकट नहीं दिया। टिकट वितरण में व्यक्तिगत पसंद-नापसंद देखी गई है। जिसके चलते कई नेता बागी होकर चुनाव लड़ रहे हैं। इनमें कई लोगों से उनके अच्छे संबंध हैं। वे उनसे लगातार संपर्क कर रहे हैं। रजिंदरपाल सिंह भाटिया, गणेशराम भागत, बालमुकुंद देवांगन, विमल चोप़़डा से उनका हमेशा सहयोगी रवैया रहा है। इसके चलते वे उनके पक्ष में प्रचार करेंगी।

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