जीएसटी लागू होने से पहले जागरूकता अभियान चलाएगी केंद्र सरकार
कस्टम अधिकारी अब नए अप्रत्यक्ष कर कानून यानी जीएसटी को लेकर लोगों को जागरूक करने में जुट गए हैं।
नई दिल्ली (जेएनएन)। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू करने की तारीख निकट आते देख सरकार ने भी इस नए टैक्स के बारे में आम लोगों व कारोबारियों को जागरूक करने के प्रयास तेज कर दिए हैं। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए अपने सभी 23 जोन को एक-एक करोड़ रुपये दिए हैं। सभी जोन इस धनराशि का इस्तेमाल जीएसटी के प्रचार-प्रसार के लिए करेंगे।
सीबीईसी प्रमुख वनजा एन सरना ने सभी जोन के अधिकारियों को जीएसटी के पंजीकरण, उसके फायदे और नियमों के पालन के संबंध में जानकारी लोगों तक पहुंचाने को कहा है। इस संबंध में उन्होंने अधिकारियों को सामान्य व्यय के लिए आवंटित बजट से एक करोड़ रुपये तक की राशि खर्च करने को भी कहा है। इस धनराशि का उपयोग कारोबारियों को जीएसटी कानूनों के बारे में जानकारी देने के लिए किया जाएगा।
सरकार ने इस साल पहली जुलाई से जीएसटी लागू करने का लक्ष्य रखा है। इसके लागू होने के बाद केंद्र के उत्पाद शुल्क व सेवा कर और राज्यों के वैट व एंट्री टैक्स जैसे कई परोक्ष कर समाप्त हो जाएंगे। ऐसे में सेवा कर, केंद्रीय उत्पाद शुल्क और वैट के मौजूदा असेसीज को जीएसटी की बारीकियां समझाना सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण है। सरना ने सभी जोन को भेजे संदेश में कहा है कि इस मौके पर कर्मचारियों को मौजूदा असेसीज को जीएसटी के लिए माइग्रेशन कराने में मदद करनी चाहिए।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 12 अप्रैल को ही जीएसटी के लिए जरूरी चार विधेयकों को मंजूरी दी। उसी दिन सरकार ने इस बारे में अधिसूचना भी जारी कर दी। अब ये सभी विधेयक कानून बन चुके हैं। जीएसटी के लिए जरूरी पांचवे विधेयक - एसजीएसटी (राज्य जीएसटी) बिल को राज्यों की विधानसभाओं से मंजूरी दी जानी है। एसजीएसटी के पारित होने के बाद जीएसटी लागू करने के लिए विधायी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
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