बढ़ेगा ईपीएफओ का दायरा, वेतन की सीमा को इस महीने बढ़ाकर 25,000 रुपये किए जाने की उम्मीद
ईपीएफओ की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अनिवार्य कवरेज के लिए वेतन की सीमा को बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जा सकता है
नई दिल्ली। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के अनिवार्य कवरेज के लिए वेतन की सीमा को इस महीने बढ़ाकर 25,000 रुपये किया जा सकता है। इससे ईपीएफओ की इन योजनाओं के दायरे में औपचारिक क्षेत्र के एक करोड़ अतिरिक्त कामगार शामिल हो जाएंगे।
ईपीएफओ के न्यासी बोर्ड की गुरुवार को हुई बैठक में वेतनसीमा बढ़ाने का प्रस्ताव एजेंडे में था। अब इसे इस माह होने वाली अगली बैठक में उठाया जाएगा।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन के सचिव सचदेव ने कहा कि इसकी गणना करने से पता चलता है कि इससे ईपीएफओ के दायरे में एक करोड़ अतिरिक्त कामगार शामिल हो सकेंगे। आपको बता दें कि हाल ही में दिल्ली जैसे राज्यों ने 15,000 रुपये मासिक न्यूनतम वेतन की सीमा को बढ़ाया है। पिछली बैठक में रखे गए ईपीएफओ के प्रस्ताव के अनुसार वेतनसीमा में बढ़ोतरी से केंद्र सरकार पर करीब 2,700 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
ईटीएफ में निवेश बढ़ाकर 15 फीसद तक करने का फैसला ईपीएफओ ने टाला
रिटायरमेंट बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के ट्रस्टीज़ ने उस पूर्व के फैसले को टाल दिया है जिसमें ईटीएफ में इनवेस्टमेंट को बढ़ाकर 2017-18 में 15 फीसद करने का फैसला किया गया था। मौजूदा समय में यह इंक्रीमेंटल डिपॉजिट्स का 10 फीसद है।
हालांकि, सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (सीबीटी) ने आंगनबाड़ी, आशा और मिड डे मील के लिए काम करने वाले 62 लाख वर्कर्स को ईपीएफओ के तहत चलने वाली सोशल सिक्योरिटी स्कीम में शामिल करने को सैद्धांतिक तौर पर सहमति दे दी है। ट्रस्टीज ने सभी बैंकों को एंप्लॉयर्स से कंट्रीब्यूशन कलेक्ट करने की इजाजत देने का भी फैसला किया है।
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