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    ईपीएफओ ने की बैंकों से अपील, बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट को भी स्टाफ जैसा मानें

    By Praveen DwivediEdited By:
    Updated: Mon, 10 Apr 2017 04:21 PM (IST)

    कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने बैंकों से अपील की है कि वो बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट (बीसी) को सामान्य कर्मचारियों के जैसे ही माने

    ईपीएफओ ने की बैंकों से अपील, बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट को भी स्टाफ जैसा मानें

    नई दिल्ली। भारत की रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने बैंकों से अपील की है कि वो बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट (बीसी) के साथ कर्मचारियों के जैसा ही बर्ताव करें और उनके लिए सभी लाभों का विस्तार करें। वहीं इस मामले के जानकार तीन लोगों ने बताया कि ऐसा कदम बैंकों को नुकसान पहुंचा सकता है।

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    लाइव मिंट डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट (बीसी) वो इंडीविजुअल होते हैं जो बैंकों की ओर से प्राधिकृत किए जाते हैं ताकि वो उन जगहों पर बैंक का प्रतिनिधित्व कर सकें जहां उनकी फिजिकल प्रजेंस नहीं है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन, ईपीएफओ की केंद्रीय विश्लेषण और खुफिया इकाई ने फरवरी में बैंकों और कार्पोरेट बैंकिंग कॉरस्पान्डन्ट को इस संबंध में एक पत्र लिखा था। ईपीएफओ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “सभी प्रकार के श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में वृद्धि के बारे में केंद्र सरकार गंभीर है। यदि निर्माण श्रमिकों को भविष्य निधि लाभ के तहत लाया जा सकता है, तो बैंकों का बीसी नहीं क्यों हो सकता है?”

    आमतौर पर, बैंक उच्च स्तर पर तीन स्तरीय संरचना का पालन करते हैं, कॉर्पोरेट बीसी मध्यस्थ के रूप में काम करते हैं, व्यक्तिगत एजेंट तीसरे स्तर पर ग्राहकों को सेवा प्रदान करते हैं। कुछ मामलों में, बैंक सीधे एजेंटों के साथ संलग्न होते हैं।