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    खेतों के लिए वरदान है ढैंचा

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    Updated: Sat, 20 Apr 2013 05:20 PM (IST)

    बगहा (प.च.), प्रतिनिधि : मूंग बीज वितरण का कार्य करीब करीब सभी प्रखंडों में पूरा हो चुका है। हरी चादर योजना के तहत मूंग बांटने के बाद कृषि विभाग ढैंचा के वितरण की तैयारी में जुट गया है। मिली जानकारी के अनुसार रबी फसलों की कटाई के उपरांत खाली होने वाले खेतों में ढैंचा की खेती होगी। ढैंचा की खेती से न सिर्फ मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी अपितु इसके फलस्वरूप अगले तीन वर्षो तक मिट्टी में उर्वरक डालने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। सूत्रों की माने तो बगहा अनुमंडल के सभी प्रखंडों में पंचायत स्तर पर जल्द ही किसानों को मुफ्त ढैंचा का बीज दिया जाएगा। इसके लिए किसानों को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होगा। बीज के वितरण में श्री विधि से खेती करने वाले किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। बीज मिलने के बाद किसानों को बस इतना ही करना है कि खाली खेत में बीज को छींट देना है। अनुमंडल कृषि पदाधिकारी ज्ञानचंद ने बताया कि ढैंचा की फसल 40 से 45 दिनों में तैयार हो जाएगी, इसके बाद किसान धान की खेती के पूर्व खेत में को जोत देंगे, जिससे ढैंचा की फसल नीचे चली जाएगी और उर्वरक के रूप में मिट्टी की शक्ति को बढ़ा देगी। उन्होंने बताया कि एक बार ढईचा की फसल को लगाने के बाद किसानों का खेत में अगले तीन वर्षों तक किसी भी रासायनिक उर्वरक को डालने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी। उन्होंने बताया कि अनुमंडल के सभी प्रखंडों में महीने के अंत तक बीज पहुंच जाएगी।

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