रेल में एफडीआई व पीपीपी का जमकर विरोध
जागरण संवाददाता, हाजीपुर
रेल में एफडीआई एवं पीपीपी का जमकर विरोध शुरु हो गया है। इस मुद्दे पर रेल कर्मियों ने आंदोलन का शंखनाद कर दिया है। हाजीपुर रेलवे स्टेशन परिसर में शुक्रवार को रेल कर्मियों ने धरना दिया। इस दौरान केंद्र सरकार पर दमनकारी नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए रेल कर्मियों ने इसकी निंदा की और इसे वापस लेने की मांग की।
हाजीपुर रेलवे स्टेशन परिसर में शुक्रवार को ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन की हाजीपुर शाखा के तत्वावधान में एआईआरएफ के आह्वान पर धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इसके जरिये रेल में एफडीआई एवं पीपीपी का विरोध करते हुए चौदह सूत्री मांगों के समर्थन में आवाज बुलंद की गयी। नयी पेंशन योजना को समाप्त कर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, रेलवे में लाखों खाली पड़े पदों को शीघ्र भरने, ठेकेदारी प्रथा को बढ़ावा देने पर रोक लगाने, उत्पादकता आधारित बोनस की गणना हेतु 35 सौ रुपये प्रतिमाह की सीमा निर्धारित करने, छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने की मांग की गयी। वहीं महंगाई भत्ता 107 प्रतिशत हो जाने के बावजूद भी मूल वेतन में समाहित न होने पर नाराजगी जतायी गयी। रनिंग कर्मचारियों की समस्याओं का शीघ्र निवारण करने, श्रम कानूनों जैसे आईडी एक्ट, फैक्ट्री एक्ट एवं अप्रेंटिस एक्ट आदि में किए जा रहे बदलाव को बंद करने की भी मांग की गयी। रेल कर्मचारियों के बच्चों को रेलवे में नौकरी देने, इनकम टैक्स में छूट की सीमा पांच लाख रुपये करने, महिलाओं को उनके कार्यस्थल पर मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था करने, जीडीसीई की परीक्षा अविलंब लेने एवं ट्रैक मेंटेनर को अन्य विभाग में दस प्रतिशत नियुक्ति की प्रक्रिया अविलंब लागू करने की मांग को लेकर रेल कर्मियों ने धरना एवं प्रदर्शन के माध्यम से आवाज बुलंद की। इस मौके पर अध्यक्ष शशि शंकर सिंह, शाखा सचिव त्रिभुवन पासवान, कोषाध्यक्ष गुरु चरण मिश्रा, उपाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह एवं राम प्रवेश राय, संयुक्त सचिव मो. जमील एवं रेवती कुमारी, संगठन सचिव अजय कुमार सिंह एवं मुकेश कुमार, कार्यकारी सदस्य ठाकुर यशवंत सिंह एवं ज्योति शंकर बीजी सदस्य वशिष्ठ नारायण सिंह, कार्यकारी सदस्य शैलेंद्र कुमार, ईसीआरकेयू के केंद्रीय संगठन मंत्री चंद्रिका प्रसाद राय, मैकेनिकल सोनपुर के शाखा मंत्री रमेश प्रसाद राय, ओडी सोनपुर के शाखा अध्यक्ष दशरथ राय एवं शाखा मंत्री जंगबहादुर सिंह के नेतृत्व में बड़ी संख्या में रेल कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन में हिस्सा लिया।