पशु चिकित्सक को 25 हजार का जुर्माना
सहरसा,जाप्र: कृत्रिम गर्भाधान के नाम पर गाय की प्रजनन क्षमता समाप्त कर देने के प्रमाणित आरोप में उपभोक्ता न्यायालय के पूर्ण पीठ ने एक भ्रमणशील पशु चिकित्सक को 24 हजार तीन सौ रुपये जुर्माना करते हुये पशु मालिक को दो माह के अंदर जुर्माना की राशि अदा करने का आदेश दिया है। उपभोक्ता न्यायालय के अध्यक्ष एसपी शुक्ला एवं सदस्य द्वय शिवानी चौधरी एवं गंगाधर प्रसाद की पूर्ण पीठ ने पशु चिकित्सक डॉ. विरेन्द्र प्रसाद गुप्ता को दो माह के अंदर उपरोक्त राशि नही देने पर 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से राशि अदा करने का आदेश दिया। स्थानीय गंगजला निवासी शिक्षक रामविनय सिंह ने अपने अधिवक्ता धनंजय खां एवं तारा शंकर सिंह भारती के द्वारा न्यायालय में मामला दायर कराते हुए पशु चिकित्सक पर आरोप लगाया था कि उनकी जर्सी नस्ल की गाय का पशुचिकित्सक द्वारा नवंबर 2005 में कृत्रिम गर्भाधान किया गया था एवं दवाईया दी गयी थी। फरवरी 2006 में चिकित्सक ने पुन: गाय की जांच पड़ताल कर पशु मालिक को कहा कि गाय गर्भवती है और खुशनमा के अवसर पर उनसे कुछ राशि भी वसूली थी। करीब दस माह बाद जब गाय ने बच्चा नही दिया तो पशु मालिक श्री सिंह ने दूसरे चिकित्सक से अपनी गाय का इलाज कराया तो उसे पता चला कि गलत इलाज एवं दवा के कारण गाय की प्रजनन क्षमता समाप्त हो गई है। साथ ही गाय की दूध देने की क्षमता भी समाप्त हो गई। चिकित्सक द्वारा पशु मालिक की एक बाछी का भी इलाज किया गया था जो बाद में मर गई।
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