Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पहाड़ी क्षेत्र के गांवों में पानी को ले लातूर जैसे हालात

    By Edited By:
    Updated: Thu, 14 Apr 2016 06:18 PM (IST)

    रोहतास। बढ़ती गर्मी के साथ ही जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में लातूर जैसे हालात बनने लगे हैं।

    रोहतास। बढ़ती गर्मी के साथ ही जिले के पहाड़ी क्षेत्रों में लातूर जैसे हालात बनने लगे हैं। जहां एक ओर भू-जलस्तर तेजी से नीचे खिसकते जा रहा है, वहीं प्राकृतिक जलस्त्रोत भी सूख चले हैं। कुछ बचे भी हैं तो वहां का गंदा पानी पशु व मनुष्य के अंतर को पाट दे रहे हैं। इसी गंदे पानी पर वनवासियों की ¨जदगी ठहरी हुई है। कैमूर पहाड़ी व उसके तलहटी में बसे दर्जनों गांवों में पानी के लिए हाहाकार मच गया है। जिससे वहां के अधिकांश वा¨शदों ने अपने मवेशियों के साथ घर-बार छोड़कर मैदानी इलाकों का रुख कर लिया है। हालांकि प्रशासन ने पहाड़ी पर बसे लोगों को पानी मुहैया कराने के लिए टैंकर की व्यवस्था का दावा तो किया है, लेकिन यह ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। स्थिति यह कि पहाड़ी स्थित 52 गांवों के लिए 10 टैंकर पानी ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रहा है। वर्तमान हालात नजर अंदाज किया गया तो आने वाले समय में लातूर से भी गंभीर हालात यहां हो जाएंगे।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    छह प्रखंडों में घोर पेयजल संकट :

    जिले के छह प्रखंड जल संकट की चपेट में आ चुके हैं। तिलौथू, सासाराम, नौहट्टा, रोहतास, शिवसागर व चेनारी प्रखंड के दर्जनों गांवों में पीने का पानी मुहैया नहीं होने से पहाड़ी जलस्त्रोत चुओं पर निर्भर हो गए हैं। तिलौथू प्रखंड के फुलवरिया गांव में एक भी सरकारी चापाकल चालू हालत में नहीं है। गांव के महिला-पुरूष दो से तीन किलोमीटर दूर स्थित पहाड़ी चुआं से दूषित पानी ढोने को मजबूर हैं। जिससे संक्रामक बीमारी फैलने का खतरा बढ़ गया है। कमोबेश यही स्थिति चेनारी प्रखंड के भुड़कुड़ा, औरइयां, उरदगा आदि गांवों की भी है। नौहट्टा व रोहतास प्रखंड के पहाड़ी गांवों की स्थिति इससे भी बदतर है। जहां आठ दस किलोमीटर से पानी लाया जा रहा है। कई गांवों के लोग सोन नद के तटीय गांवों व सोनडीला पर डेरा डाले हैं। कई रिश्तेदारों के घर भी शरण लिए हैं।

    साल दर साल गिरता जा रहा जलस्तर :

    जिले में साल दर साल जलस्तर गिरता जा रहा है। जो पेय जल समस्या के मुख्य कारणों में से एक है। पीएचईडी की आंकड़ों पर नजर डालें तो गत एक वर्ष में ही जलस्तर में लगभग एक फुट की गिरावट आई है। वर्ष 2015 में अप्रैल के प्रथम सप्ताह में जिले का जलस्तर लगभग 19 फुट दर्ज किया गया था, जबकि इस वर्ष औसतन 20 फुट तक चला गया है। लेकिन हकीकत है कि पूर्व के चापाकल में लगभग 5 फुट और पाइप जोड़कर उसे चालू किया जा रहा है। जिस तरह से गर्मी का पारा चढ़ते जा रहा है, उससे जलस्तर और नीचे जाने की संभावना बढ़ गई है।

    ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही प्रशासनिक कवायद :

    पहाड़ी गांवों में पानी की किल्लत को दूर करने को ले किए जा रहे प्रशासनिक प्रयास अब तक नाकाफी साबित हुआ है। मात्र दस टैंकरों के भरोसे ही चार दर्जन पहाड़ी गांवों की पेय जलापूर्ति व्यवस्था ऊंट के मुंह में जीरा के समान है। ग्रामीणों की मानें तो एक टैंकर को तीन गांवों में पानी पहुंचाने की जिम्मेवारी दी गई है। जिससे ससमय पानी नहीं मिल पाता है। खाना बनाने से लेकर पीने तक के पानी का इंतजाम करना प्रशासन के लिए भी चुनौती साबित हो रहा है।

    फेल हुए डीप बो¨रग चापाकल :

    भू-जलस्तर गिरने का सबसे ज्यादा प्रभाव चापाकलों पर पड़ा है। नौहट्टा प्रखंड के बौलिया सहित अन्य गांवों में जलस्तर 160 से 170 फुट नीचे है। जलस्तर खिसकने से डीप बो¨रग चापाकल भी फेल हो गए हैं। कई चापाकल रख-रखाव के अभाव में पहले से ही बंद पड़े हैं। स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने ऐसे चापाकलों को दुरुस्त करने के लिए उनका सर्वे कराया है। विभागीय दावों की मानें तो खराब पड़े चापाकलों की मरम्मत के लिए मोबाइल वैन भेजा गया है। कई गांवों के चापाकलों को चालू कर दिया गया है। जल्द ही पेयजल की समस्या पर काबू पा ली जाएगी। लेकिन सच्चाई यह है कि ऐसी घोषणाएं हर साल की जाती है, लेकिन उसपर अमल अबतक नहीं हो पाया है। जिससे वनवासियों व पहाड़ी क्षेत्र के लोगों को कंठ तर करने के लिए मैदानी इलाकों का शरण लेना पड़ रहा है।

    कहते हैं डीएम :

    पहाड़ी क्षेत्रों में पेयजल की समस्या काफी गंभीर हो गई है। वहां अभी 10 टैंकर भेजे जा रहे हैं। और टैंकर की व्यवस्था की जा रही है। इस क्षेत्र में उत्पन्न हुई गंभीर पेयजल समस्या से निबटने के लिए सहायक अभियंता स्तर के एक विशेष पदाधिकारी की तैनाती की जा रही है। जो वास्तविक स्थिति से लगातार अवगत कराते रहेंगे।

    अनिमेष कुमार पराशर, डीएम-रोहतास।

    comedy show banner
    comedy show banner