स्वास्थ्य से खिलवाड़, नहीं हो रही खाद्य पदार्थों की जांच
रोहतास। खाद्य सम्मिश्रण विभाग की लापरवाही से आज बाजार में बिक रही अधिकतर खाद्य सामग्री में मिल
रोहतास। खाद्य सम्मिश्रण विभाग की लापरवाही से आज बाजार में बिक रही अधिकतर खाद्य सामग्री में मिलावट का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। दाल, अनाज, दूध, घी, मसाला से लेकर मिठाई तक कोई भी चीज मिलावट से अछूती नहीं है। यह मिलावट इतनी बारीकी से की जाती है कि सही व गलत में भेद करना आम लोगों के लिए काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन जिन लोगों पर जिले की लगभग 32 लाख लोगों के स्वास्थ्य की जवाबदेही है, वे इस स्थिति से आंख मुंदे बैठे हुए हैं। चिकित्सकों की मानें तो मिलावट युक्त खाद्य पदार्थ का उपयोग करने से शरीर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है तथा शरीर में विकार उत्पन्न होने की आशंका बढ़ जाती है 7
मसालों में भी मिलावट :
दैनिक इस्तेमाल किए जाने वाले मसालों में भी आमतौर पर मिलावट का धंधा जोरों पर है। इससे स्वास्थ्य पर प्रभाव तो पड़ ही रहा है, गृहिणियों को भी काफी परेशानी हो रही है। शहर के गोला बाजार में एक ही मसाला की अलग-अलग दुकानों पर अलग-अलग कीमत है। पाउडर मसालों की बात तो दूर खड़े मसालों में भी मिलावट की जा रही है। यहां तक कि बड़ी कंपनियों के पैकेट में भी लोकल स्तर के मिलावटी मसाले धड़ल्ले से बेचे जा रहे हैं। हल्दी से लेकर लाल मिर्च पाउडर तक में मिलावट है।
नमूना संग्रहण के नाम पर खानापूर्ति :
जिले में खाद्य अपमिश्रण विभाग का कोई स्थाई कार्यालय नहीं है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी नारायण राम पटना में रहते हैं। उनके जिम्मे कई और जिलों के भी प्रभार हैं। ऐसे में यहां नियमित जांच व नमूना संग्रह की उम्मीद भी बेमानी है। यहां विभाग द्वारा सेंपल इकट्ठा करने की सिर्फ औपचारिकता भर पूरी की जाती है, जिससे वर्ष 2010-11 के बाद जिले में खाद्य अपमिश्रण से संबंधित मुकदमे नहीं के बराबर दायर किए गए हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी की मानें तो नमूनों की जांच के बाद मिलावट की रिपोर्ट नहीं आने के चलते मुकदमे दायर नहीं किए जा रहे हैं। ऐसे में नमूना संग्रह की प्रक्रिया पर ही सवाल उठने लगा है। लोगों की मानें तो टारगेट पूरा करने के लिए दुकानों से उनकी मर्जी के ही नमूने लिए जा रहे हैं।
कहते हैं लोग :
फजलगंज निवासी सरिता कुमारी, सीमा देवी, चंद्रशेखर ¨सह आदि का कहना है कि बाजार में मिलावटी खाद्य पदार्थ परोसकर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। ऐसे लोगों के खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए, जो खुलेआम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। कंपनीसराय निवासी प्रियंका कुमारी कहती हैं कि वैसे तो हमलोग हल्दी, धनिया, जीरा, मरीच आदि घर में ही पीस लेते हैं, लेकिन कभी समाप्त होने पर बाजार से खरीदते हैं, तो लगता है उसका कोई स्वाद ही नहीं आ रहा। किसी खाद्य पदार्थ में कोई रासायनिक या बाहरी अन्य चीज मिलाने से उसकी गुणवता में भी कमी आ जाती है।
कहते हैं अधिकारी :
सासाराम में विभाग का कार्यालय नहीं है। समय-समय पर यहां आकर खाद्य पदार्थों के नमूने लिए जाते हैं। जांच में मिलावट की रिपोर्ट आने पर कार्रवाई भी की जाती है। गत पांच वर्षों में मिलावट संबंधी कोई रिपोर्ट नहीं आने से विभाग द्वारा किसी दुकानदार के विरुद्ध मुकदमा दर्ज नहीं कराया गया है।
नारायण राम, खाद्य सुरक्षा अधिकारी।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।