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VIDEO : इंसाफ मांगने गए दंपती की SI ने की लात-घूसों से धुनाई, SP ने पद से हटाया

पूर्णिया में मदद की गुहार लगाने थाने गए दंपती की एक दारोगा ने लात-घूंसे से जमकर पिटाई कर दी। पत्नी को दो तीन-तमाचे जड़े, लेकिन पति को बूट से मारकर बेदम कर दिया। घटना की जानकारी होने पर एसपी ने दारोगा को पद से हटा लाइन हाजिर कर दिया।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 06 Jan 2016 08:28 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jan 2016 08:54 PM (IST)

पूर्णिया। 'पीपुल फ्रेंडली' होने का दावा करने वाली पुलिस का स्याह चेहरा उस समय उजागर हुआ जब मदद की गुहार लगाने थाने गए दंपती की एक दारोगा ने लात-घूंसे से जमकर पिटाई कर दी। पत्नी को दो तीन-तमाचे जड़े, लेकिन पति को बूट से मारकर बेदम कर दिया। इस घटना का संज्ञान लेते हुए गुरुवार को एसपी ने दारोगा को थाना से हटा दिया।

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घटना सोमवार की ही है, लेकिन इसका वीडियो बाद में प्रकाश में आया। दनसार गांव निवासी राजीव कुमार मुन्ना अपनी पत्नी पूनम देवी के साथ जलालगढ़ थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी जमीन (खाता 420 खेसरा 1280-1283 मौजा जलालगढ़ के 6 एकड़ 50 डी.) पर अवैध कब्जा कर लिया गया है। उन्होंपे जमीन को मुक्त कराने की गुहार लगाई। लेकिन, थाने में उनकी किसी ने नहीं सुनी।

निराश होकर उन्होंने आत्मदाह करने की धमकी दी। फिर भी उनकी किसी ने नहीं सुनी। पुलिस के इस रवैये से क्षुब्ध होकर उन्होंने थाने में ही आत्मदाह करने की कोशिश की। इसके बाद उन्हें बचाया गया। फिर पुलिस ने उनकी पिटाई शुरू कर दी।

थाने के एक दारोगा गणेश कुमार ने पहले राजीव का हाथ मरोड़कर जमीन पर गिरा दिया। उसके बाद उसकी लात-घूसे से जमकर धुनाई शुरू कर दी। पीडि़त की पत्नी बचाने दौड़ी तो अन्य पुलिस वालों ने उसे भी तमाचे जड़ दिए। वह घबरा गई और पति की जान बचाने के लिए थाने में चीखती-चिल्लाती रही। पुलिस वालों के सामने हाथ जोड़ छोड़ देने का अनुरोध करती रही, लेकिन किसी का दिल नहीं पसीजा।

एसपी ने आरोपी दारोगा को पद से हटाया

पुलिस का दावा था कि पीडि़त ने थाने में आत्मदाह की कोशिश की थी, उसे किसी तरह बचा लिया गया था। लेकिन, इस दावे की कलई वीडियो क्लिप ने खाेल दी। पूर्णिया के एसपी ने भी इसका संज्ञान लेते हुए आरोपी दारोगा को गुरुवार को थाना से हटा दिया। उसे पुलिस मुख्यालय में लाइन हाजिर कर दिया गया है।

पीडि़त दंपती ने कहा...

इंसाफ नहीं मिलने की वजह से आत्मदाह के लिए मजबूर होना पड़ा। जमीन पर विवाद 1965 से चल रहा है। 1993- 94 में भी विवाद पर धारा 144 लगाई गई थी। कई बार इस मामले को लेकर दो पक्षों के बीच 107 के तहत कार्रवाई भी की गयी है। लेकिन, बीते 31 दिसम्बर को दूसरे पक्ष ने जमीन परएक झोपड़ी खड़ी कर दी, जिसे हम हटाने की मांग कर रहे थे।


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