पटना हुआ पावन : वासंतिक नवरात्र के साथ ही 10 को चैती छठ और 15 को रामनवमी
आठ अप्रैल से वासंतिक नवरात्र का पावन पर्व प्रारंभ हो गया। पंद्रह अप्रैल को श्रीरामनवमी मनाई जाएगी। वासंतिक नवरात्र के साथ ही हिंदुओं का नववर्ष यानी विक्रम संवंत 2073 प्रारंभ हो जाएगा। 10 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ चैती छठ शुरू हो जाएगा।
पटना। आठ अप्रैल से वासंतिक नवरात्र का पावन पर्व प्रारंभ हो गया। पंद्रह अप्रैल को श्रीरामनवमी मनाई जाएगी। वासंतिक नवरात्र के साथ ही हिंदुओं का नववर्ष यानी विक्रम संवंत 2073 प्रारंभ हो जाएगा। 10 अप्रैल को नहाय-खाय के साथ चैती छठ शुरू हो जाएगा। छठ का पहला अर्घ्य 12 अप्रैल को दिया जाएगा।
14 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा और 16 से शुभ लग्न प्रारंभ होगी। नवरात्र को लेकर बाजारों में खरीदारी शुरू हो गई है। लोग कलश, चन्दन, फूल, साड़ी एवं पूजन सामग्री की खरीदारी कर रहे हैं। फलों की मंडिय़ों में भी भीड़ काफी बढ़ गई है।
पटना में नवरात्र की तैयारी शुरू
राजधानी के अधिकांश मंदिरों में लगभग दस बजे कलश की स्थापना की गई है। मंदिर में होने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ के मद्देनजर इस वर्ष विशेष तैयारी की गई है। राजापुर स्थित सिया-बिहारी कुंज ठाकुरबाड़ी में भी वासंतिक नवरात्र के अवसर पर विशेष तैयारी की गई है। बोरिंग कैनाल रोड स्थित पंचमुखी महावीर मंदिर में भी कलश स्थापित किया गया है।
10 से प्रारंभ होगा चैती छठ
आगामी दस अप्रैल से नहाय-खाय के साथ चैती छठ प्रारंभ हो जाएगी। 11 अप्रैल को छठव्रती खरना करेंगे। 12 अप्रैल को पहला अर्घ्य दिया जाएगा। 13 अप्रैल को दूसरा अर्घ्य दिया जाएगा। कंकड़बाग स्थित पंचशिव मंदिर न्यास समिति के अध्यक्ष उपेन्द्र कुमार विद्यार्थी का कहना है कि चैती छठ के अर्घ्य देने के लिए मंदिर परिसर में विशेष व्यवस्था की जा रही है। यहां पर आसपास के काफी संख्या में लोग चैती छठ का अर्घ्य देने आते हैं।
16 से शुभ लग्न शुरू
14 अप्रैल को खरमास समाप्त हो जाएगा। उसके बाद 16 अप्रैल से शुभ लग्न प्रारंभ हो रहा है। शुभ लग्न प्रारंभ होते ही एक बार फिर से शहनाई गूंजने लगेगी। शादी की तिथि पहले से ही तय हो चुकी है। बस खरमास समाप्त होने का सभी इंतजार कर रहे हैं।
नवरात्र के साथ शुरू होगा विक्रम संवत
वासंतिक नवरात्र के साथ ही हिन्दुओं का नववर्ष भी प्रारंभ हो गया। नवरात्र के साथ विक्रम संवत 2073 प्रारंभ हो गया। इसका नाम सौम्य है। शुक्रवार को संवंत प्रारंभ हो गया है। नववर्ष का राजा शुक्र होगा। बुध उसका मंत्री होगी। यह शुभ संकेत है और आने वाला वर्ष लोगों को सुख-शांति प्रदान करेगा।