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    हिन्‍दी के विद्यार्थियों की रिपोर्ट जाएगी यूजीसी

    By Mrityunjay Kumar Edited By:
    Updated: Mon, 01 Dec 2014 09:33 AM (IST)

    यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने हिन्दी भाषा एवं साहित्य पाठ्यक्रम के विकास के लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को एक नया निर्देश जारी किया है।

    पटना। यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) ने हिन्दी भाषा एवं साहित्य पाठ्यक्रम के विकास के लिए राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को एक नया निर्देश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि हिन्दी विभाग में हिन्दी पाठ्यक्रम और उसकी पढ़ाई की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के साथ-साथ उसकी वार्षिक रिपोर्ट उपलब्ध कराएं। प्रत्येक वर्ष हिन्दी विभाग में कितने छात्र दाखिला लेते हैं और परीक्षा में कितने छात्र उत्तीर्ण होते हैं, इसकी सालाना रिपोर्ट में जानकारी जरूर होनी चाहिए।

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    यूजीसी का यह निर्देश भी है कि हिन्दी विभाग में शोध कार्य को निरंतर बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विश्वविद्यालय स्तर पर लागू अन्य शोध परियोजनाओं के बारे में और क्या-क्या मदद चाहिए, इसकी जानकारी रिपोर्ट के जरिए मुहैया कराएं। उसके आधार पर अनुदान में वृद्धि का प्रावधान यूजीसी ने किया है। यूजीसी ने एमफिल, पीएचडी एव डी.लिट की उपाधि के लिए विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करने का निर्देश भी दिया है। हिन्दी विभाग में कार्यरत सहायक प्राध्यापक, एसोसिएट प्रोफेसर एवं प्रोफेसर को बीते पांच साल में कितने राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार मिले हैं, इसकी जानकारी वार्षिक रिपोर्ट में देना अनिवार्य है। यूजीसी ने हिन्दी विभाग के स्तर से संचालित व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति को अनिवार्य करार दिया है। इसके लिए सरकार से जरूरी पदों का सृजन कराने को कहा गया है। इतना ही नहीं, हिन्दी विभाग के बैंक खाता का संचालन और उसमें उपलब्ध राशि का ब्यौरा वार्षिक रिपोर्ट में भेजने का निर्देश कुलपतियों एवं कुलसचिवों को दिया है।