दस दिन बाद मिलेंगे सब्सिडी वाले छोटे सिलिंडर
तेल कंपनियों की नई पहल अब जमीन पर उतरने वाली है। आइओसी की ओर से आठ हजार छोटे सिलिंडरों (पांच किलो) के लिए आर्डर दे दिया गया है। सब्सिडी वाले ये सिलिंडर एक से डेढ़ सप्ताह के अंदर पटना पहुंच जाएंगे।
पटना। तेल कंपनियों की नई पहल अब जमीन पर उतरने वाली है। आइओसी की ओर से आठ हजार छोटे सिलिंडरों (पांच किलो) के लिए आर्डर दे दिया गया है। सब्सिडी वाले ये सिलिंडर एक से डेढ़ सप्ताह के अंदर पटना पहुंच जाएंगे। उपभोक्ता इन्हें किसी भी गैस एजेंसी से ले सकेंगे।
प्रक्रिया पूरी करनी होगी
बाजार मूल्य पर बिकने वाले पांच किलो वाले सिलिंडर बिना कागजात भी मिल जाते हैं, लेकिन इस कनेक्शन को लेने के लिए अलग व्यवस्था होगी। 14.2 किलो के रियायती रसोई गैस कनेक्शन की ही तरह इसके लिए भी उपभोक्ताओं को प्रक्रिया पूरी करनी होगी। जरूरी कागजात भी देने होंगे।
कितना लगेगा खर्च
सिक्युरिटी मनी : 350 रुपये
रेगुलेटर : 150 रुपये
रबर पाइप : 170 रुपये
जांच शुल्क : 250 रुपये
ब्लूबुक : 50 रुपये
प्रशासनिक शुल्क : 50 रुपये
कुल खर्च : 1020
देने होंगे कागजात
फोटो आइडी
एड्रेस प्रूव
आधार कार्ड या बैंक खाता
कितनी मिलेगी सब्सिडी
इस नई योजना के तहत साल में कुल 170 किलो सब्सिडी वाली गैस एक उपभोक्ता को मिलेगी। अर्थात एक उपभोक्ता साल में कुल 34 सिलिंडर ले सकेगा। उपभोक्ताओं को पांच किलो वाला एक सब्सिडी सिलिंडर 441 रुपये में मिलेगा। पांच किलो गैस की कीमत 164.50 रुपये होगी। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर योजना (पहल) के तहत उनके खाते में 273.50 रुपये भेजा जाएगा। तीन रुपये वैट के रूप में कट जाएंगे।
बिहार में अभी मांग है कम
तेल कंपनी के अधिकृत सूत्रों ने बताया कि पांच किलो वाले सिलिंडर बिहार में पहले से ही उपलब्ध हैं। आइओसी की चुनिंदा एजेंसियों के जरिए इनकी बिक्री होती है। हालांकि, यह बाजार मूल्य पर बेचे जाते हैं। झारखंड की तुलना में ऐसे सिलिंडरों की मांग बिहार में कम है। उम्मीद है कि जब ऐसे सिलिंडर सब्सिडी के साथ आएंगे तो यहां भी मांग में वृद्धि होगी।
घटेगी अवैध सिलिंडरों की मांग
इस समय बाजार में बिना मानक वाले छोटे सिलिंडरों की मांग जबरदस्त है। पटना के हर इलाके में ऐसे सिलिंडरों की बिक्री होती है। सुरक्षा की दृष्टि से ये बेहद खतरनाक होते हैं। इसके बावजूद फास्ट फूड विक्रेता और छात्रों द्वारा ऐसे सिलिंडर का उपयोग किया जाता है। तेल कंपनियों ने अधिकारियों ने कहा कि जब छोटे सिलिंडर सब्सिडी पर मिलने लगेंगे तो ऐसे सिलिंडरों की मांग अपने आप खत्म हो जाएगी।
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