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    किराए पर लगाया मकान तो डेढ़ गुना होल्डिंग टैक्स

    By pradeep Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Thu, 15 Jan 2015 10:17 AM (IST)

    राज्य सरकार ने सूबे के नगर निकायों में होल्डिंग टैक्स के प्रावधानों में व्यापक परिवर्तन किया है। अब उसी दर पर वसूली आरंभ की जा रही है। टैक्स की वसूली किस आधार पर हो इसके लिए विभिन्न निर्णयों के हवाले से समेकित आदेश जारी किया गया है।

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    पटना। राज्य सरकार ने सूबे के नगर निकायों में होल्डिंग टैक्स के प्रावधानों में व्यापक परिवर्तन किया है। अब उसी दर पर वसूली आरंभ की जा रही है। टैक्स की वसूली किस आधार पर हो इसके लिए विभिन्न निर्णयों के हवाले से समेकित आदेश जारी किया गया है। शहरी निकायों में किराए पर मकान-जमीन देते हैं तो डेढ़ गुणा अधिक होल्डिंग टैक्स देना पड़ेगा। रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था पर पांच फीसद की छूट मिलेगी।

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    नगर विकास विभाग ने अपनी आधिकारिक जानकारी में बताया कि नई व्यवस्था में किराए पर दी गई संपत्ति, भले ही वह आवासीय हो या फिर गैर आवासीय, पर करदाताओं को अब सामान्य से डेढ़ गुणा ज्यादा कर देना होगा। करदाताओं को अपना टैक्स हर हाल में अप्रैल तक चुकाना होगा, लेकिन करदाता अप्रैल की बजाय जून तक भी टैक्स जमा कर सकेंगे। जून तक टैक्स चुका देने वालों को पांच फीसद की छूट भी मिल सकेगी। यदि टैक्स चुकाने में हीला-हुज्जत और लापरवाही होती है, तो वैसी स्थिति में अक्टूबर से करदाताओं को हर महीने डेढ़ प्रतिशत की दर से कुल राशि पर ब्याज देना होगा। इतना ही नहीं, आंशिक महीने को भी पूरा महीना मानकर सरकार ब्याज की गणना करेगी। पिछले वित्तीय वर्ष तक रिक्त भूमि पर सरकार कोई टैक्स नहीं लेती थी, लेकिन अब नगर निगम से लेकर नगर पंचायत क्षेत्र तक की सड़कों को तीन भागों में बांटकर प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से कर लेने का फैसला किया गया है। इस व्यवस्था में भी करदाताओं के लिए छूट के प्रावधान किए गए हैं। अगर करदाताओं के प्लाट पर 70 प्रतिशत से अधिक में मकान बना है तो शेष खाली जमीन को कर मुक्त कर दिया गया है। भू-स्वामी द्वारा भूमि अधिग्रहण के दो वर्षों के अंदर यह कर नहीं लगाया जाएगा।

    नई व्यवस्था में सरकार ने आदेश जारी किया है कि जिन लोगों की संपत्ति पर अब तक कर नहीं लग रहा था या सरकार के स्तर पर टैक्स का निर्धारण नहीं किया गया था, उन्हें अपनी संपत्ति का आकलन कर तीन महीने के भीतर अपना टैक्स सरकार को चुकाना होगा।

    यदि इन प्रावधानों के बाद निकायों के करदाता टैक्स जमा करने में कोताही करते हैं तो नगरपालिका कर तथा गैर राजस्व वसूली विनियम-2014 के तहत करदाता की आवश्यक सेवाओं को निगम बंद कर देगा। बैंक खाता और अन्य आर्थिक प्रपत्र की कुर्की कर सकेगा तथा चल-अचल संपत्ति की कुर्की और उसकी बिक्री कर सकेगा।

    परती जमीन के लिए टैक्स

    सड़कें जिनके आधार पर प्रति वर्ग मीटर लगेगा टैक्स :

    नगर निकाय : प्रधान सड़क : मुख्य सड़क : अन्य सड़क

    नगर निगम : 5 रुपये : 4 रुपये : 3 रुपये

    नगर परिषद : 4 रुपये : 3 रुपये : 2 रुपये

    नगर पंचायत : 3 रुपये : 2 रु : 1 रु

    बेहतर काम करने वाले होंगे पुरस्कृत : नई व्यवस्था के बाद बेहतर राजस्व संग्रहण वाले नगर निकायों के कर्मियों को सरकार पुरस्कृत भी करेगी। मूल्यांकन टीम तीन श्रेणियों में निकायों को नामित करेंगे। बेहतर परिणाम देने वाले नगर निगम के 5, नगर परिषद के 3 और नगर पंचायत के 2 कर्मचारियों को नकद राशि मिलेगी।

    पुरस्कारों की राशि:

    20,000 के पांच नकद पुरस्कार

    10,000 के तीन नकद पुरस्कार

    5,000 के दो नकद पुरस्कार

    22 साल पहले हुआ था दर का निर्धारण

    1992 में होल्डिंग टैक्स का निर्धारण हुआ था। उसके बाद संपत्ति की कीमतों में साढ़े तीन गुणा की वृद्धि हो चुकी है, मगर होल्डिंग टैक्स में वृद्धि नहीं हुई। चयनित निकायों में दर का निर्धारण भी हुआ, मगर लागू नहीं हुआ। हाल के वर्षों में कर और निर्धारण की प्रक्रिया में काफी बदलाव किए गए। संशोधित दर पर वसूली स्थगित रही। अब उन संशोधनों के आलोक में नए सिरे से वसूली शुरू की जा रही है।