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    सीएम के जनता दरबार में जूता खुलवाने पर भड़के फरियादी

    By pradeep Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Mon, 12 Jan 2015 08:45 PM (IST)

    पिछले सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर एक युवक द्वारा जूता फेंके जाने की घटना से सबक लेते हुए सोमवार को आयोजित जनता के दरबार कार्यक्रम में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। मुख्यमंत्री से मिलने पहले लोगों की ग्यारह बार जांच की गई।

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    पटना। पिछले सोमवार को जनता दरबार में मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी पर एक युवक द्वारा जूता फेंके जाने की घटना से सबक लेते हुए सोमवार को आयोजित जनता के दरबार कार्यक्रम में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। मुख्यमंत्री से मिलने पहले लोगों की ग्यारह बार जांच की गई। सुरक्षा जांच के नाम पर फरियादियों के जूते भी उतरवाए गए। इस बीच जांच में सहयोग नहीं करने पर राम नगीना गौड़ नामक एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया, जिसे पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

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    मुख्यमंत्री पर जूता फेंके जाने की घटना से एक अणे मार्ग में सुरक्षा इंतजाम पर सवाल खड़े हो गए थे। घटना से सबक लेते हुए सुरक्षा कर्मियों को जनता के दरबार में सुरक्षा व्यवस्था में ढिलाई बरतना गवारा नहीं था। इसी वजह से जनता के दरबार का नजारा पहले से अपेक्षाकृत काफी बदला-बदला दिख रहा था। प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वालों के आवेदन को सुरक्षाकर्मी काफी बारीकी से देख रहे थे। आवेदन में किसी प्रकार की कमी दिखने पर आवेदक को अंदर प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा था। उसके बाद सुरक्षाकर्मी लोगों को मैनुअल मेटल डिटेक्टर से जांच करने के बाद आगे बढऩे दे रहे थे। फिर मेटल डिटेक्टर गेट से पार कराया जा रहा था। चंद कदम चलने के बाद सुरक्षाकर्मी फिर आवेदन की जांच कर रहे थे। फिर मैनुअल तरीके से पूरे शरीर की जांच की जा रही थी। एक अणे मार्ग के मुख्य गेट के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मी जूता पहन कर आने वालों पर विशेष नजर रखे हुए थे। उनसे जूता उतार कर झाड़ कर दिखाने को कहा जाता था। जूता उतारने में थोड़ी भी आनाकानी करने वालों को बैरंग लौटा दिया जाता था। लोगों की मुश्किलें यहीं खत्म नहीं हुई। अंदर प्रवेश करने के बाद एक बार फिर मेटल डिटेक्टर गेट से गुजरना पड़ रहा था। सोमवार को सीएम के आगे तीन टेबल को सुरक्षा घेरे के तौर पर रखा गया था। उससे आगे फीते से बने दो घेरे में सुरक्षाकर्मी पूरी तरह से मुस्तैद थे। मुख्यमंत्री के सामने करीब पंद्रह फीट की दूरी पर एक और मेटल डिटेक्टर लगा था, यहीं लोगों की लाइन लगी थी। यहां से एक- एक लोग को सुरक्षाकर्मी सीएम के पास ले जा रहे थे। सीएम से मुलाकात के दौरान भी सुरक्षाकर्मी साये की तरह सटे रहे। सीएम को अपनी शिकायत सुनाने के बाद लोगों को सुरक्षाकर्मी परिसर से बाहर निकाल रहे थे। कई लोगों ने कहा कि अगर पहले से पता होता कि इतनी मुश्किल होगी तो वे आते ही नहीं।

    इस बीच जांच में सहयोग नहीं करने पर राम नगीना गौड़ नामक व्यक्ति को सुरक्षा कर्मियों ने गिरफ्तार कर सचिवालय थाना के हवाले कर दिया। राम नगीना रेलवे का सेवानिवृत्त ड्राइवर है और गया जिले का रहने वाला है। हालांकि पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया। पुलिस ने बताया कि उसका व्यवहार ठीक नहीं था और हंगामे की आशंका से उसे गिरफ्तार किया गया था।