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    मांझी के इस्तीफे के बाद बीजेपी ने नीतीश पर बोला हमला, लगाए कई आरोप

    By pradeep Kumar TiwariEdited By:
    Updated: Fri, 20 Feb 2015 03:21 PM (IST)

    राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए जाने पर नीतीश ने विरोध किया था।

    पटना। राजनीतिक घटनाक्रम के बाद पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनाए जाने पर नीतीश ने विरोध किया था। क्या नमो का विरोध करने के लिए जनता से माफी मांगेगें, नीतीश? आठ माह पहले महादलित को मुख्यमंत्री बना खूब महिमा मंडन किया। वाहवाही लूटी, लेकिन जब वह मुख्यमंत्री स्वविवेक से काम करने लगा तो उसे हटाकर खुद मुख्यमंत्री बनने के लिए उताबले हो गए और फिर जनता से माफी मांग ली। सुशील मोदी ने नीतीश से पर हमला बोलते हुए कहा कि अगर वह मुख्यमंत्री जनता के लिए काम कर रहा था तो उन्हें क्या तकलीफ होने लगी? नीतीश ने अब तक के कार्यकाल में चार बार इस्तीफा दिया है। जितनी जल्दी वह इस्तीफा देते हैं, उतनी जल्दी दोबारा कुर्सी पर बैठने के लिए दिखाते हैं, और हर बार जनता से माफी मांग लेते हैं। नीतीश एक्सपोज हो चुके हैं। मोदी ने कहा कि नीतीश जुगाड़ टेक्नोलोजी में माहिर हैं । विधानसभा स्पीकर को भी घेरते हुए कहा कि वे अपने पद का कर रहे दुरुपयोग कर रहे हैं। विधानसभा में सीटिंग की व्यवस्था भी ठीक नहीं थी। अगर गुप्त मतदान हुआ तो मांझी बहुमत हासिल कर लेंगे। विधायकों को पार्टी से निकालने की धमकी देकर नीतीश ने उन्हें खुलेआम समर्थन नहीं देने दिया।

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    भाजपा विधायक दल के नेता नंद किशोर यादव ने नीतीश कुमार और उनके समर्थकों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कौरवो ने अभिमन्यू का वध कर दिया। हमारे (भाजपा के) 88 विधायक जीतन राम मांझी के साथ हैं। हम आज भी अपने स्टैंड पर कायम हैं। हमें न तो सत्ता की लालसा है और न ही हम बैक डोर से सत्ता में आना चाहते हैं। हमने केवल दलित परिवार का साथ दिया। उक्त बातें भाजपा के विधायक नंद किशोर यादव ने मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस्तीफा देने पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए कही।

    यादव ने कहा कि वर्ष 2010 में एनडीए ने बहुमत हासिल किया था। लेकिन नीतीश को प्रधानमंत्री बनने की चाहत थी। उनके साथ में आने के बाद नीतीश कुमार के कारण तीन बार विश्वासमत हासिल करने की नौबत आ गई। जदयू, कांग्रेस और राजद ने दलित का अपमान किया है। यादव ने कहा कि सदन में अल्पमत और बहुमत साबित करना मांझी की जिम्मेवारी थी। भाजपा ने दलित मुख्यमंत्री का साथ दिया। किसी परिस्थिति में मांझी को मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा? यह वही बेहतर बता सकते हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि सरकार किसी की बने उससे भाजपा निराश नहीं हैं। भाजपा समय से पूर्व चुनाव कराना नहीं चाहती है। नीतीश कुमार ने जिस कुशासन की बात कहकर 15 साल तक राज किया। आज उसी कुशासन यानी राजद और कांग्रेस से गठबंधन कर लिया। जनता सब देख रही है। आगामी विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा। उनका बंटाधार हो जाएगा और भाजपा बहुमत हासिल करेगी।