सुशील मोदी का सवाल, नीतीश तय करें, बिहार को सुशासन चाहिए कि शहाबुद्दीन
भाजपा नेता सुशील मोदी ने शहाबुद्दीन पर सीसीए लगाने की मांग की है। कहा कि वे अपने खिलाफ मामलों में सबूतों को प्रभावित कर रहे हैं। सरकार को जवाब देना चाहिए कि बिहार को सुशासन चाहिए कि शहाबुद्दीन?
पटना [वेब डेस्क ]। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सह वरीय भाजपा नेता सुशील मोदी ने शहाबुद्दीन की रिहाई के मसले को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि है वे बताएं-बिहार को सुशासन चाहिए कि शहाबुद्दीन? कहा कि शहाबुद्दीन के बाहर आने से बिहार की जनता खौफ में आ गई है। सरकार उसपर सीसीए लगाए। इस प्रक्रिया में अगर देरी हो रही हो तो तत्काल शहाबुद्दीन को बिहार से बाहर किया जाए।
सुशील मोदी ने कहा कि शहाबुद्दीन के खिलाफ कई मुकदमे चल रहे हैं। जेल में रहकर वे सबूतों को प्रभावित करते रहे हैं। अब जेल से बाहर आ जाने पर पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाएगा। कहा कि उनकी मांग है कि सरकार और न्यायालय पीड़ितों को न्याय के हक में तत्काल कदम उठाएं और शहाबुद्दीन को राज्य बदर किया जाए।
भाजपा नेता ने कहा कि नीतीश कुमार सुशासन की चर्चा खूब करते रहे हैं। अब उनके सुशासन के दावे की असली परीक्षा है। आने के साथ ही शहाबुद्दीन ने ट्रेलर दिखा दिया है। सरकार को तत्काल कार्रवाई करते हुए यह स्पष्ट करना चाहिए कि वह क्या चाहती है।
खौफ में आम लोग, मजे में अपराधीः रामकृपाल
केंद्रीय मंत्री रामकृपाल यादव ने शहाबुद्दीन के जेल से छूटने पर कहा कि अपराधियों को संरक्षण मिलने से उनके अंदर सरकार का खौफ नहीं है। उल्टे आम लोगों के मन में भय बैठ रहा है। अपराधी अपराध करके भी बेखौफ है क्योंकि उसे पता है कि उसका कुछ बिगड़ने वाला नहीं है। उसपर कोई कार्रवाई नहींं होनी है। इस हालत में पीड़ित आदमी शिकायत लेकर जाएगा भी तो कहां?
मंत्री ने कहा कि बिहार में अपराधियों का बोलबाला होने से सुशासन की पोल खुल गई है। नीतीश कुमार ने अगर ध्यान नहीं दिया तो उन्हें जनता के सवालों का जवाब देना भारी पड़ेगा क्योंकि लोगों ने उनपर भरोसा जताते हुए महागठबंधन की सरकार को सत्ता सौंपी थी।
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