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    तेजाब हत्याकांड : SC ने कहा, जल्द होगी शहाबुद्दीन के खिलाफ सुनवाई

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Fri, 06 Jan 2017 09:31 PM (IST)

    तेजाब हत्याकांड में मोहम्मद शहाबुद्दीन की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उनके खिलाफ दायर की गई मृतकों की मां कलावती देवी की याचिका पर जल्द सुनवाई करने की बात कही है।

    पटना [जेएनएन]। तेजाब हत्याकांड में राजद के पूर्व सांसद और जेल में बंद बाहुबली नेता मोहम्मद शहाबुद्दीन की मुश्किलें काफी बढ़ सकती हैं। इस मामले में हत्याकांड के मुख्य गवाह मृतकों के तीसरे भाई की हत्या के मामले में उसकी मां कलावती देवी की याचिका को मंजूर करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई जल्द करने का निर्णय लिया है।

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    कोर्ट ने तेजाब कांड के मुख्य गवाह की हत्या के आरोपी मोहम्मद शहाबुद्दीन को इस मामले में पटना हाई कोर्ट से मिली जमानत के खिलाफ दायर की गई मृतकों की मां कलावती देवी की याचिका पर जल्द सुनवाई करने का निर्णय लिया है। इसके बाद शहाबुद्दीन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।

    उधर उक्त कांड के गवाह राजीव रौशन मर्डर केस में स्पेशल कोर्ट ने भी शहाबुद्दीन के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं। मो. शहाबुद्दीन के विरुद्ध हत्या व षड्यंत्र को लेकर आरोप गठित किए गए हैं।

    इस मामले में सुनवाई के दौरान विशेष सत्र न्यायाधीश वीके शुक्ला की कोर्ट में बचाव पक्ष के अधिवक्ता अभय कुमार राजन ने दलील दी कि वारदात के समय शहाबुद्दीन जेल में थे। हत्या के पूर्व राजीव रौशन की गवाही हो चुकी थी। ऐसी परिस्थिति में पूर्व सांसद पर आरोप गठित नहीं हो सकता।

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    दूसरी ओर विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह व उनके सहयोगी अधिवक्ता रघुवर सिंह ने बहस के दौरान इसे षड्यंत्र के तहत हत्या का मामला बताया और आरोप गठित किए जाने की मांग की।

    दोनों पक्षों को सुनने के बाद अदालत ने मो. शहाबुद्दीन पर हत्या व षड्यंत्र को ले भादवि की धारा 302/120(बी) के अंतर्गत आरोप का गठन कर दिया।

    यह है मामला

    - विदित हो कि 2004 में व्यवसायी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के तीन बेटों गिरीश, सतीश और राजीव रौशन को अगवा कर लिया गया था। उन्हें शहाबुद्दीन के गांव प्रतापपुर लेजाया गया। उस दौर में शहाबुद्दीन जेल में थे, लेकिन वे जेल से निकलकर प्रतापपुर पहुंचे। वहां उनके आदेश पर गिरीश व सतीश को एसिड से नहलाकर मार डाला गया तथा शव को टुकड़े-टुकड़े कर बोरे में बंद कर फेंक दिया गया। राजीव वहां से भागने में सफल रहा।

    - भागने के बाद राजीव लंबे समय तक छिपा रहा। बाद में जब वह सामने आया तो उसने घटना के बारे में बताया। इसके बाद कोर्ट में उसकी गवाही हुई और उसके आधार पर शहाबुद्दीन को उम्रकैद मिली।

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    - इस मामले में राजीव की पुन: गवाही होनी थी, पर इसके पहले ही 16 जुलाई, 2015 की रात सिवान के डीएवी मोड़ पर ओवरब्रिज के समीप गोली मारकर उसकी भी हत्या कर दी गई।

    - राजीव की हत्या के मामले में उसके चंदा बाबू के बयान पर शहाबुद्दीन के अलावा उसके पुत्र ओसामा व अन्य अज्ञात के विरुद्ध नगर थाना में एफआइआर दर्ज कराई गई। गुरुवार को विशेष अदालत ने इसी मामले में शहाबुद्दीन के खिलाफ आरोप तय किए।