बिहार में लागू रहेगी शराबबंदी : SC ने पटना HC के फैसले पर लगा दी रोक
बिहार सरकार की ओर से शराबबंदी कानून पर दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के इस फैसले पर रोक लगा दी है।
पटना [वेब डेस्क]। बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर मचे घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए बिहार सरकार को बड़ी राहत दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार की ओर से पटना हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है।
पिछले कई महीनों से शराबबदी कानून को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी था। बिहार सरकार के शराबबंदी कानून को पटना उच्च न्यायालय ने यह कहकर खारिज कर दिया था कि कानून में मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया है। इसके बाद बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
सुप्रीम कोर्ट में कल हुई सुनवाई में कोर्ट ने दोनों पक्ष की दलीलों को सुनने के बाद पटना हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी, जिससे राज्य सरकार को बहुत राहत मिली है।
शराबबंदी कानून पर पटना हाई कोर्ट ने जताया था एतराज
राज्य में शराबबंदी लागू करने के बाद इस कानून को लगातार चुनौतियां मिल रहीं थीं। कानून के कुछ प्रावधानों को लेकर समाजसेवी और राजनीतिक दल भी इसका विरोध कर रहे थे। लोगों ने पटना हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो कोर्ट ने कानून के कड़े प्रावधानों को मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने वाला करार देते हुए रद्द करने का फैसला सुनाया था।
हाईकोर्ट ने इस कानून के कई प्रावधान पर एतराज जताया था और 20 सितंबर को सुनवाई के दौरान बिहार में लागू शराबबंदी कानून को असंवैधानिक बताते हुए रद्द कर दिया था। कोर्ट के अनुसार, इस कानून में शराब मिलने पर पूरे परिवार को जेल भेजने जैसे कानून भी शामिल हैं। बेहद सख्त माने जा रहे बिहार उत्पाद (संशोधन) विधेयक 2016 में शराब (जहरीली) पीने से हुई मौत के मामले में फांसी का प्रावधान भी किया गया है।
दो अक्टूबर को लागू हो गया नया शराबबंदी कानून
पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद भी बिहार सरकार ने दो अक्टूबर से नया शराबबंदी कानून लागू कर दिया है। । दो अक्टूबर को कैबिनेट की बैठक में एक बार फिर शराबबंदी को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समेत सभी मंत्रियों ने संकल्प लिया और पूरे राज्य में इस कानून का नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया।
शराबबंदी के मामले पर अडिग रहेंगे : सीएम नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि वे बिहार में शराबबंदी के मामले पर अडिग रहेंगे। शराबबंदी पर पटना हाइकोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पहली बार इस मामले पर बोलते हुए कहा कि शराब का कारोबार नैतिक नहीं था।
गोपालगंज मे हुई मौत के बाद हो रही थी आलोचना
पिछले महीने बिहार के गोपालगंज में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। तब राज्य में लागू इस सख्त मद्यनिषेध कानून की कई ओर से आलोचना हुई थी और विपक्ष का कहना था कि इस कानून की वजह से शराब के अवैध कारोबार को बढ़ावा मिला है।
इससे पहले पटना हाईकोर्ट ने इस कानून के खिलाफ दायर याचिका पर इस साल मई में हुई सुनवाई में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई थी। हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार शराबबंदी को लागू कराने के लिए स्टंटबाजी बंद करे।
राज्य सरकार ने कहा था - लागू रहेगी शराबबंदी
वहीं राज्य सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल ने जवाब में कहा था कि सरकार पूर्ण शराबबंदी लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है और इसके लिए उसको जनमत भी मिला है। गौरतलब है कि बिहार में इस साल 5 अप्रैल से ही शराबबंदी लागू है। नीतीश कुमार ने चुनाव के दौरान राज्य में शराबबंदी लागू करने का वादा किया था। इसके बाद पटना उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।
5 अप्रैल को लागू किया गया था शराबबंदी कानून
बिहार सरकार का शराबबंदी कानून सरकार ने 5 अप्रैल को लागू किया था। इसमें नीतीश सरकार ने देसी शराब के बनाने से लेकर उसके बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी थी। शुरु में ये केवल देसी शराब पर रोक थी जिसे बाद में सभी प्रकार की शराब की बिक्री पर लगा दिया गया। 5 अप्रैल को नीतीश कुमार सरकार ने राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी थी।
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