अब्दुल बारी सिद्दीकी ने थानाध्यक्षों को दिखाई आंख, कहा - नौकरी करनी है तो...
शराबबंदी को लेकर निष्क्रियता पर कार्रवाई को ले कई थानेदारों द्वारा पद छोड़ने की धमकी के बीच वित्तमंत्री अब्दुलबारी सिद्दिकी ने कहा है कि नौकरी में रहना है तो अनुशासन जरूरी है।
पटना [वेब डेस्क ]। शराबबंदी कानून को लेकर सरकार की सख्ती के बीच कई थानाध्यक्षों द्वारा पद से हटने की इच्छा जताने के बीच राज्य के वित्तमंत्री और राजद के वरीय नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर नौकरी करनी है तो अनुशासन जरूरी है। उनके इस बयान को सरकार की ओर से थानाध्यक्षों को चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि नया नशाबंदी कानून लागू होने के बाद से ही यह बात चर्चा में है कि कई थानाध्यक्ष अब पद पर बने रहने के इच्छुक नहीं है। विभिन्न जिलों से मिली खबरों के मुताबिक करीब दो दर्जन थानाध्यक्षों ने अपने वरीय अधिकारियों को पत्र देकर पद से हटाने की गुजारिश की है। इसके बाद नई शराबबंदी नीति पर नए सिरे से चर्चा तेज हो गई है।
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कई जिलों से आई एेसी सूचनाओं के बाद वित्तमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि नौकरी करनी है तो अनुशासन में रहना होगा। इसका संकेत कड़ा है। सरकार के लिए शराबबंदी अभियान कितना महत्वपूर्ण है यह किसी से छिपा नहीं है। इस कानून को लागू कराने में सबसे बड़ी भूमिका पुलिस की ही है। एेसे में अगर थानाध्यक्ष पद पर बैठा अधिकारी ही पद छोड़ने की तैयारी में हो तो क्या होगा कहना मुश्किल नहीं है।
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जानकारों की मानें तो थानाध्यक्षों की असली चिंता पिछले दिनों कुछ निष्क्रिय अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर है। सरकार ने शराबबंदी अभियान में शिथिल पाए गए 11 थानाध्यक्षों पर कार्रवाई करते हुए उनके पद से हटा दिया है। इसपर पुलिस एसोसिशन गरमा गया है और 28 अगस्त तक निलंबन वापस नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी है। उल्लेखनीय है कि शराबबंदी में सहयोग नहीं करने वाले के रूप में चिह्नित कई थानेदारों की कुर्सी जाने की सूचना से पूरे महकमे में हड़कंप है।
थानाध्यक्ष भी जान रहे हैं कि शराबबंदी कानून को लेकर सरकार जहां सख्त है वहीं किसी तरह की ढिलाई हुई तो उनपर आरोप लगना तय है।
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