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    BSSC घोटाला: सुबूतों से छेड़छाड़, IAS सीके अनिल के खिलाफ वारंट

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Thu, 02 Mar 2017 11:16 PM (IST)

    बीएसएससी पेपर लीक मामले में एसआइटी की टीम को आइएएस सीके अनिल के खिलाफ कई अहम सुबूत मिले हैं जिसमें उनपर सुधीर कुमार को बचाने और उनके खिलाफ साक्ष्यों को मिटाने के आरोप लगे हैं।

    BSSC घोटाला: सुबूतों से छेड़छाड़, IAS सीके अनिल के खिलाफ वारंट

    पटना [जेएनएन]। बीएसएससी पेपर लीक कांड में आयाेग के अध्यक्ष सुधीर कुमार की गिरफ्तारी के बाद अब एक और आइएएस अधिकारी सीके अनिल के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है। वह बीएसएससी के ओएसडी हैं। सूत्रों के मुताबिक अगमकुआं पुलिस को वारंट मिल चुका है, आगे की कार्रवाई के लिए एसआइटी रणनीति बना रही है।

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    हालांकि, सीके अनिल के खिलाफ वारंट की पुष्टि एसआइटी प्रमुख मनु महाराज ने नहीं की है, लेकिन, सूत्रों का कहना है  कि वह अधिकारी सीके अनिल ही हैं। क्योंकि  बीएसएससी में दो ही आइएएस अधिकारी तैनात हैं- एक अध्यक्ष व दूसरा ओएसडी। पेपर लीक मामले में सीके अनिल की  संलिप्तता  के कुछ सबूत एसआइटी को हाथ लगे हैं। उनके खिलाफ साक्ष्य मिटाने, सुधीर कुमार की मदद करने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के प्रमाण एसआइटी के पास हैं। 

    यह भी पढ़ें:  BSSC paper leak: सुधीर के भांजे ने कहा- नाना ने दिए थे प्रश्नपत्र और आंसरशीट

    सूत्रों के मुताबिक इसी आधार पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट के लिए एसअाइटी ने कोर्ट में आवेदन दिया था, जिस पर आदेश मिल गया है। साथ ही एसअाइटी कुछ और साक्ष्य जुटाने में लगी है। सूत्रों की मानें, तो सुधीर कुमार को गिरफ्तारी से दो दिन पहले अपना मोबाइल फोन बंद करने, पटना से हजारीबाग जाने की सलाह भी सीके अनिल ने ही दी थी। उन्होंनेे ही सुधीर कुमार को नया सिम कार्ड भी उपलब्ध कराया था। 

    सूत्रों के अनुसार सिटी कोर्ट से गिरफ्तारी वारंट हासिल करने के बाद एसआईटी उनकी गिरफ्तारी की रणनीति पर काम कर रही है। वैसे बुधवार की दोपहर से रात तक वारंट जारी होने और उस अफसर के अंडरग्राउंड होने की चर्चा रही। उनके बारे में एसआईटी को ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिसमें उन्होंने सबूतों से छेड़छाड़ की है।

    दूसरी ओर एसआईटी यह रणनीति बनाने में जुटी है कि उन्हें कैसे पकड़ा जाए। हालांकि एसआईटी से जुड़े ऊपर से नीचे तक का कोई भी अधिकारी वारंट लिए जाने से इनकार कर रहा है। सूत्रों की मानें तो एफएसएल की टीम ने बीएसएससी दफ्तर से कुछ साक्ष्य बटोरे हैं और उस आधार पर और पड़ताल की जा रही है। एसआईटी को सुधीर के केबिन ने कुछ फिंगरप्रिंट मिले हैं।
    कोर्ट में पेश किया जाएगा सबूत 
    बताया जा रहा है कि एसआईटी ने तमाम साक्ष्यों के साथ कोर्ट में उनकी गिरफ्तारी के लिए आवेदन दिया था। हालांकि कोर्ट ने एसआईटी को कुछ और साक्ष्य उपलब्ध कराने को कहा। इसके बाद एसआईटी फिंगर प्रिंट सहित अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य उपलब्ध कराने की तैयारी कर रही है।
    सूत्रों की मानें तो सुधीर कुमार के छुट्टी में रहने के दौरान उक्त आईएएस अधिकारी उनके केबिन में गए थे और वहां रखी फाइलों और कम्प्यूटर के साथ छेड़छाड़ की थी। एफएसएल की टीम ने कंप्यूटर और कुछ अन्य फाइलों से उनके फिंगर प्रिंट को लिया है।
    मुख्य सचिव से मिला आईएएस एसोसिएशन
    आईएएस एसोसिएशन ने मुख्य सचिव अंजनी कुमार से मुलाकात की। बुधवार की शाम संघ की ओर से राजस्व और भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव विवेक कुमार सिंह, वित्त सचिव राहुल सिंह, आईएएस आर लक्ष्मणन और दीपक कुमार सिंह ने मुख्य सचिव से मुलाकात की। मुख्य सचिव को संघ की ओर से एक मांग पत्र सौंपा गया है।
    कई नेताओें के मोबाइल की हो रही जांच
    सुधीर अौर परमेश्वर के मोबाइल पर कई नेताओं से लेकर अधिकारियों के मैसेज आए हैं। उन सभी की जांच की जा रही है। एसआईटी स्पीकर के पीएस के मोबाइल को भी खंगाल रही है। पेपर लीक मामले में आयोग के अध्यक्ष सुधीर कुमार के अलावा, सचिव परमेश्वर राम, सुधीर के भाई प्रो. अवधेश, उनकी पत्नी मंजू देवी के अलावा तीन दर्जन लोगों को जेल भेज चुकी है।