शहाबुद्दीन के तिहाड़ जाने के फैसले पर बोले शाहनवाज, “सिवान में लौटेगा अमन चैन”
सुप्रीम कोर्ट द्वारा सीवान जेल में बंद बाहुबली शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजे जाने के फैसले पर भाजपा नेताओं ने खुशी जतायी है। जदयू नेताओं ने फैसले पर टिप्पनी करने से इंकार किया है।
पटना [जेएनएन] । सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिवान के पूर्व सांसद और बाहुबली मो. शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल में भेजे जाने के फैसले पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने गया में कहा कि सिवान में अब अमन चैन वापस लौटेगा। उन्होंने कहा की भाजपा सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करती है। उन्होंने कहा कि शहाबुद्दीन सिवान जेल से अपना राज चला रहे थे। शाहनवाज गया स्नातक क्षेत्र से प्रत्याशी सभापति अवधेश नारायण सिंह का नामांकन पर्चा भरने के समय गया पहुंचे हुए थे।
वहीं, सिवान के पत्रकार राजदेव रंजन( जिनकी हत्या हो गई थी) की पत्नी आशा रंजन ने कहा कि कोर्ट का फैसला ऐतिहासिक है। इस फैसले से लोगों को राहत मिली है कि वे अब गवाहों और सबूतों को नष्ट नहीं करेंगे।
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इस फैसले पर खुशी जताते हुए चंदा बाबू ने कहा कि उनके अंदर समाया डर ख़त्म हो गया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से लोगों में खुशी है। प्रशांत भूषण का वे आभारी है जिन्होंने इस फैसले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए भाजपा नेता सुशील मोदी ने कहा कि कोर्ट का यह निर्णय बिहार सरकार के मुंह पर तमाचा है। लालू यादव तो तुरंत शहाबुद्दीन को अपनी पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए। साथ ही शहाबुद्दीन से जेल में जाकर मिलने वाले मंत्री अब्दुल गफूर पर सरकार कार्रवाई करे।
सिवान के सांसद ओम प्रकाश यादव ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए शहाबुद्दीन को आदमखोर बताया ।
बिहार सरकार में मंत्री आलोक मेहता ने कहा कि कोर्ट के फैसले पर टिपण्णी नहीं की जा सकती है। वहीं, जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि मैं इस फैसले का सम्मान करता हूँ।
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बता दें कि सीवान के तेजाब कांड में शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा मिली हुई है, यह मामला 2004 का है। शहाबुद्दीन के अड्डे प्रतापपुरा में दो भाइयों गिरीश और सतीश को तेजाब से इस कदर नहलाया गया कि कुछ ही मिनटों में उनका शरीर झुलसने लगा। वे चिल्ला करके रहम की गुहार करते रहे और वहां मौजूद लोग देखते रहे। थोड़ी देर में दोनों भाइयों की मौत हो गई। तेजाब कांड में पटना हाईकोर्ट से जामनत मिलने के बाद शहाबुद्दीन 10 सितंबर 2016 को 11 साल बाद जेल से बाहर आया था। पीडि़त परिवार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन की जमानत रद्द कर दी। 20 दिन बाद शहाबुद्दीन फिर सलाखों के पीछे चला गया। फिर सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2017 को शहाबुद्दीन को सीवान जेल से दिल्ली के तिहाड़ जेल में शिफ्ट करने का फैसला सुनाया।
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