सुप्रीम कोर्ट ने शहाबुद्दीन को जारी किया नोटिस, पूछा- क्यों नहीं रद की जाए जमानत?
सुप्रीम कोर्ट में राजद के पूर्व सांसद बाहुबली मोहम्मद शहाबुद्दीन की जमानत याचिका के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। अदालत ने शहाबुद्दीन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
पटना [वेब डेस्क]। पूर्व राजद सांसद और बाहुबली शहाबुद्दीन की मुसीबतें लगातार बढ़ती जा रही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने चंद्रकेश्वर प्रसाद की ओर शहाबुद्दीन की जमानत के खिलाफ दाखिल की गई याचिका पर संज्ञान लेते हुए शहाबुद्दीन को नोटिस जारी किया है।
कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए सोमवार का दिन निर्धारित किया है। बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से शहाबुद्दीन के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने की माँग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल गैर जमानती वारंट जारी करने की मांग पर ध्यान नहीं दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि पहले नोटिस जारी करेंगे। फिर आगे की कार्रवाई होगी।
बिहार सरकार और चंदा बाबू ने दायर की थी याचिका
शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करने के लिए बिहार सरकार और तेजाब हत्याकांड में अपने तीन बेटों को खो चुके पीड़ित पिता चंदा बाबू की ओर से देश के जाने-माने वकील प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। पिनाकी चंद्र घोष और अमिताभ रॉय की खंडपीठ ने आज इस मामले की सुनवाई की।
बिहार सरकार ने याचिका दायर करते हुए कहा कि उच्च न्यायालय में राज्य के पक्ष को उचित ढंग से नहीं सुना गया और गवाहों की सुरक्षा से संबंधित अदालत द्वारा पूर्व में जताई गई सारी चिंताओं को दरकिनार करके हिर्स्ट्री शीटर अपराधी शहाबुद्दीन को जमानत दी गई।
वहीं चंदा बाबू ने अपनी याचिका में कहा है कि सीवान से चार बार सांसद रहे शहाबुद्दीन के खिलाफ 58 आपराधिक मामले दर्ज हैं जिनमें से कम से कम आठ में उनको दोषी करार दिया गया है और दो मामलों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई, इसके बावजूद उनको जेल से बाहर निकलने दिया गया।
शहाबुद्दीन ने कहा - अदालत जो फैसला देगी, मंजूर होगा
शहाबुद्दीन ने इन याचिकाओं की सुनवाई मामले में कहा है कि अगर सुप्रीम कोर्ट उनकी जमानत रद्द करता है तो वो जेल जाने को तैयार हैं। शहाबुद्दीन ने खुद को कानून और न्यायपालिका का सम्मान करने वाला इंसान बताया।
शहाबुद्दीन ने कहा, ये कोर्ट का मामला है। कोर्ट ने ही मुझे जमानत दी है। अगर कोर्ट मुझे दोबारा जेल जाने के लिए कहता है तो मैं तैयार हूं। ये मेरे लिए मुद्दा नहीं है। आखिर क्यों नहीं मैं जेल जाऊंगा। मैं कानून का पालन करने वाला देश का नागरिक हूं।
गौरतलब है कि चंद्रकेश्वर प्रसाद के तीन बेटों की हत्या के पीछे कथित तौर पर शहाबुद्दीन का हाथ बताया जा रहा है। उधर सीवान प्रशासन ने भी बिहार सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शहाबुद्दीन के जेल से लौटने के बाद से सीवान में दहशत का माहौल है। इसे देखते हुए प्रशासन ने सिवान में हाई अलर्ट घोषित कर दिया है।
जेल से लड़ा था चुनाव
1999 में एक सीपीआई कार्यकर्ता के अपहरण और संदिग्ध हत्या के मामले में शहाबुद्दीन को लोकसभा 2004 के चुनाव से आठ माह पहले गिरफ्तार कर लिया गया था, लेकिन चुनाव आते ही शहाबुद्दीन ने मेडिकल के आधार पर अस्पताल में शिफ्ट होने का इंतजाम कर लिया था।
इस दौरान अस्पताल का एक पूरा फ्लोर उनके लिए रखा गया था, जहां वह लोगों से मिलता था, बैठकें करता था। चुनाव तैयारी की समीक्षा करता था। वहीं से फोन पर वह अधिकारियों, नेताओं को कहकर लोगों के काम कराता था। अस्पताल के उस फ्लोर पर शहाबुद्दीन की सुरक्षा का भारी इंतजाम भी था।
जेल में रहकर भी संभालते थे सत्ता
हालात ये थे कि पटना हाई कोर्ट ने ठीक चुनाव से कुछ दिन पहले सरकार को शहाबुद्दीन के मामले में सख्त निर्देश दिए थे। कोर्ट ने शहाबुद्दीन को वापस जेल भेजने के लिए कहा था। सरकार ने मजबूरी में शहाबुद्दीन को जेल वापस भेज दिया लेकिन चुनाव में 500 से ज्यादा बूथ लूट लिए गए थे और आरोप था कि यह काम शहाबुद्दीन के इशारे पर किया गया था।
दोबारा चुनाव होने पर भी शहाबुद्दीन सीवान से लोकसभा सांसद बन गए थे। लेकिन उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाले जेडी (यू) के ओम प्रकाश यादव ने उन्हें कड़ी टक्कर दी थी। इस चुनाव के बाद कई जेडी (यू) कार्यकर्ताओं की हत्या भी हुई थी।
हत्या और अपहरण के मामले में हुई थी उम्रकैद
साल 2004 के चुनाव के बाद से शहाबुद्दीन का बुरा वक्त शुरू हो गया था। इस दौरान शहाबुद्दीन के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए। राजनीतिक रंजिश भी बढ़ रही थी। नवंबर 2005 में बिहार पुलिस की एक विशेष टीम ने दिल्ली में शहाबुद्दीन को उस वक्त दोबारा गिरफ्तार कर लिया था जब वह संसद सत्र में भागेदारी करने के लिए यहां आए हुए थे।
दरअसल उससे पहले ही सीवान के प्रतापपुर में एक पुलिस छापे के दौरान उनके पैतृक घर से कई अवैध आधुनिक हथियार, सेना के नाइट विजन डिवाइस और पाकिस्तानी शस्त्र फैक्ट्रियों में बने हथियार बरामद हुए थे। हत्या, अपहरण, बमबारी, अवैध हथियार रखने और जबरन वसूली करने के दर्जनों मामले शहाबुद्दीन पर हैं। अदालत ने शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।
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