बेजुबानों को ठंड से बचाने की शुरू हुई जुगत
पटना। बेजुबान पक्षियों व जानवरों को ठंडी हवा के प्रभाव से बचाने के लिए संजय गांधी जैविक उ
पटना। बेजुबान पक्षियों व जानवरों को ठंडी हवा के प्रभाव से बचाने के लिए संजय गांधी जैविक उद्यान प्रशासन ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है। पक्षियों के केज में हवा के प्रवेश को रोकने के लिए प्लास्टिक सीट लगा दी गई है। उद्यान बंद होते ही प्लास्टिक सीट से बाड़े को ढंक दिया जाएगा। वहीं अन्य वन्य जीवों को भी ठंड से बचाने की जुगत शुरू हो गई है।
हिरण की प्रजाति को ठंड से बचाने की भी व्यापक व्यवस्था की गई है। फूस की झोपड़ीनुमा घर बनाया बनाया है। यह ओस व तेज हवा से हिरणों को बचाएगा। तेंदुए को केज के अंदर जाने के बाद बाहर से फूस की टाट लगाकर ठंडी हवा रोकने की व्यवस्था की गई है। बाघ, शेर, लकड़बग्घा, बंदर सहित सभी वन्य प्राणियों के नाइट हाउस की खिड़कियों को फूस के टाट लगाकर ठंड से बचाने का प्रयास किया गया है। शेर व बाघ केज के नाइट हाउस के निचले भाग में लकड़ी लगा दी गई है। छोटी बिल्ली के नाइट हाउस में पुआल को बोरे में डाल गद्दा बना दिया गया है।
बाघ, शेर सहित कुछ वन्य प्राणियों को ठंड से बचाने के लिए ब्लोअर भी लगेगा, लेकिन अभी उतनी ठंड नहीं है। अधिकारियों के अनुसार ज्यादा ठंड पड़ने पर ब्लोअर की गर्म हवा वन्य प्राणियों को उपलब्ध कराई जाएगी।
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