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    शहाबुद्दीन के बोल : नीतीश जननेता नहीं, अकेले चुनाव लड़ें तो नहीं मिलेंगी 20 सीटें

    By Amit AlokEdited By:
    Updated: Sun, 11 Sep 2016 10:43 PM (IST)

    जेल से बाहर आने के बाद शहाबुद्दीन ने नीतीश कुमार को जननेता मानने से इंकार कर दिया है। शहाबुद्दीन ने कहा कि जनता उनके साथ है तथा उन्होंने कभी बैकडोर पॅलिटिक्स नहीं की।

    शहाबुद्दीन के बोल : नीतीश जननेता नहीं, अकेले चुनाव लड़ें तो नहीं मिलेंगी 20 सीटें

    पटना [जागरण टीम]। एक दशक से अधिक समय बाद जेल से निकलते ही राजद के बाहुबली पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन ने अपने तेवर के संकेत दे दिए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को नेता मानने से इंकार करते हुए उनकी शराबबंदी को काला कानून करार दिया। कहा कि नीतीश जननेता होते तो अपने दम पर सरकार बनाते। उन्होंनें कहा कि राजनीति तो चलती रहेगी, वे जेल से कई किताबेें लेकर आए हैं, उन्हें भी पढ़ेंगे।

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    शहाबुद्दीन ने लालू प्रसाद को 27 वर्षों से अपना नेता बताया, मगर नीतीश कुमार को नेता मानने से इन्कार करते हुए कहा कि अगर वह अकेले चुनाव लड़ें तो 20 सीटें भी नहीं मिलेंगी। कहा कि लालू हमारे नेता हैं और रहेंगे। नीतीश परिस्थितियों के नेता हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश जनता के नेता नहीं हैं। दोनों बार गठबंधन के चलते सीएम बने हैं। जननेता होते तो अपने दम पर सरकार बनाते।

    शहाबुद्दीन ने कहा कि अदालत से जमानत मिलने के बाद बाहर आया हूं। मगर जेल में रहकर भी लोगों के सुख-दुख का ख्याल रखता था। आज लोगों की भीड़ और सहानुभूति मेरे साथ है। खुद को विकास, शिक्षा व शांति का समर्थक बताते हुए उन्होंने कहा कि मोहल्लों में घूमने से कोई बड़ा नेता नहीं हो जाता। सिवान में विकास, शिक्षा का स्तर और शांति दूसरे जिलों से अच्छा है।

    सभी जानते हैं मुझे फंसाया गया है

    जेल भेजने के पीछे कौन के सवाल पर शहाबुद्दीन ने कहा कि सभी जानते हैं कि मुझे फंसाया गया है। जिस न्यायपालिका के फैसले से मैं जेल गया उसी के फैसले से बाहर आया हूं। जेल से रिहाई की नुमाइश एवं शक्ति प्रदर्शन पर भी शहाबुद्दीन ने स्पष्टीकरण दिया। उन्होंने कहा कि जनता साथ है। लोग स्वेच्छा से जेल से घर तक साथ आए। किसी पर दबाव नहीं डाला। कभी बैकडोर पॉलिटिक्स नहीं की।

    शराबबंदी को बताया काला कानून

    शराबबंदी को शहाबुद्दीन ने काला कानून बताते हुए कहा कि यह कैसा कानून है कि बेटा पीये और सजा बाप को मिले। इसे ही अंधा कानून कहते हैं। उन्होंने कहा कि अच्छा होता, लोगों को जागरूक करके प्रतिबंधित लगाया जाता। यह तो तय है कि अब सूबे में फाइव स्टार होटल नहीं खुल सकता क्योंकि ऐसे होटलों में बीयर बार जरूरी है। शहाबुद्दीन ने शराब से ज्यादा हानिकारक सिगरेट को बताया और कहा कि उसे क्यों नहीं बंद किया?

    राजदेव के परिवार से जल्द मिलेंगे

    सिवान के पत्रकार हत्याकांड के बारे में उन्होंने कहा कि इसमें राजनीति की जा रही है। हत्याकांड में मेरा नाम उछाला गया। अब राजदेव की पत्नी को लेकर कुछ नेता गृहमंत्री के पास जा रहे हैं। आखिर क्या मंशा है? राजदेव के परिवार के प्रति शहाबुद्दीन ने सहानुभूति जताई और कहा कि वह जल्द ही उनके परिवार से मिलने जाएंगे।

    सुशील मोदी को गंभीरता से नहीं लेते

    भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के बयान पर शहाबुद्दीन ने कहा कि उनके बयान को हम कभी गंभीरता से नहीं लेते हैं। न ही हमारी पार्टी गंभीरता से लेती है। मैं 1990 से उन्हें जानता हूं। पहले सदन में उन्हें बोलना नहीं आता था। सच्चाई जाननी है तो सदन के पुराने कैसेट को देख लीजिए। मगर अब बोलने लगे हैं।

    जेल से किताबें लेकर आए

    उन्होंने कहा कि उन्हें लिखने-पढ़ऩे का शौक है। जेल से दो बैग भरकर किताबें लाया हूं। भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद समेत कई महापुरुषों की जीवनी के अलावा कुछ धार्मिक पुस्तकें भी हैं। एएल बासम की किताब 'वंडर्स दैट वाज इंडिया' को भी सहेज कर रखा था।