शहाबुद्दीन के बयान से सियासी भूचाल, CM नीतीश बोले- नो कमेंट
सिवान के पूर्व सांसद व बाहुबली मो. शहाबुद्दीन शनिवार को जेल से जमानत पर रिहा हो गए। जेल से बाहर आने के बाद दिए गए उनके पहले राजनीतिक बयान से विवाद खड़ा हो गया है।
पटना [वेब डेस्क]। सिवान के पूर्व सांसद व राजद नेता मो. शहाबुद्दीन शनिवार की सुबह भागलपुर जेल से जमानत पर रिहा हुए। जेल से बाहर निकलने पर अपने पहले राजनीतिक बयान में उन्होंने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद को अपना असली नेता बताते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को परिस्थितियों का नेता करार दिया।उन्होंने कहा कि वे सुशील मोदी को गंभीरता से नहीं लेते। शहाबुद्दीन के इन बयानों के बाद नया विवाद खड़ा हो गया है।
उधर, नीतीश से झारखंड में पत्रकारों ने इस संबंध में सवाल किए तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया है। इस विवाद पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने भी खामोश रहना ही बेहतर समझा है।
ये कहा शहाबुद्दीन ने...
जमानत पर जेल से रिहा होने के बाद शहाबुद्दीन ने कहा कि...
- नीतीश कुमार परिस्थितियों के नेता हैं। लेकिन, लालू यादव ही हमारे नेता हैं। नीतीश अपने बूते 20 सीट भी नहीं पा सकते हैं।
- शहाबुद्दीन ने नीतीश की शराबबंदी पर चोट करते हुए पूछा कि अभी तक वे क्या कर रहे थे? कहा कि इसे ही अंधा कानून कहते हैं।
- भाजपा नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के बारे में पूछने पर कहा कि मैं उन्हें गंभीरता से नहीं लेता।
- सिवान के चर्चित राजदेव रंजन हत्याकांड पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब तो सीबीआइ ही देगी। वे सिवान में राजदेव के परिवार से मिलेंगे।
रघुवंश ने मिलाया सुर
राजद के दूसरे सबसे बड़े कद्दावर नेता व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने शहाबुद्दीन के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि जगजाहिर है कि लालू प्रसाद ही नेता हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार अपनी ताकत के नेता नहीं है।
जदयू ने किया प्रतिवाद
शहाबुद्दीन के बयान का जदयू ने प्रतिवाद किया है। जदयू के श्याम रजक ने कहा कि नीतीश परिस्थितिजन्य नेता नहीं, बिहार की आवश्यकता हैं। जदयू प्रवक्ता संजय सिंह ने भी कहा कि अब यह तो लालू प्रसाद ही बता सकते हैं कि उन्होंने नीतीश कुमार को अपना नेता क्यों चुना।
लालू पर टिकीं निगाहें
शहाबुद्दीन के बयान पर अभी तक राजद की तरफ से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, रघुवंश प्रसाद द्वारा नीतीश के खिलाफ दिए बयान से महागठबंधन में विवाद फिर सामने आ गया है। उपमुख्यमंत्री व राजद नेता तेजस्वी यादव ने शहाबुद्दीन के बयान से किनारा करते हुए डैमेज कंट्रोल की कोशिश की है। उन्होंने शहाबुद्दीन के बयान की जानकारी से इंकार किया है। अब सबकी निगाहें लालू पर टिकी हैं कि वे क्या कहते हैं।
कांग्रेस ने कहा, बयान महत्वहीन
उधर नीतीश कुमार को परिस्थितियों का नेता बताने पर कांग्रेस अध्यक्ष और राज्य के शिक्षामंत्री डॉ.अशोक चौधरी ने कहा कि शहाबुद्दीन के बयान को महत्व देने की जरूरत नहीं है। वे किसी पार्टी के अध्यक्ष नहीं हैं।
विपक्ष ने जमकर किए कटाक्ष
शहाबुद्दीन के बयान और उसे रघुवंश प्रसाद सिंह के समर्थन के बाद महागठबंधन की सरकार विपक्ष के निशाने पर है। देखिए...
- भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि लालू व नीतीश को शहाबुद्दीन की बातों का जवाब देना चाहिए। जनता इसका जवाब चाहती है। गिरिराज ने कटाक्ष किया कि लालू वृंदावन गए और नीतीश झारखंड, अब बिहार को शहाबुद्दीन चलाएंगे।
- लोजपा के चिराग पासवान ने पूछा है कि राजद को बताना चाहिए कि असली मुख्यमंत्री कौन है? उन्होंने कहा कि बिहार में खौफ की वापसी हो गई है।
- जन अधिकार पार्टी सुप्रीमो व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि अपराधियों को पैदा करने व संरक्षण देने में लालू प्रसाद का योगदान कम नहीं रहा है। नीतीश से किसी को वैचारिक मतभेद हो सकता है, लेकिन वे स्वीकार्य लीडर तो हैं।
- हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रवक्ता ने कहा कि शहाबुद्दीन व लालू दोनों सजायाफ्ता हैं। आखिर एक सजायाफ्ता ने दूसरे सजायाफ्ता को नेता चुन लिया।
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