पटना का ये है 'गुंडा बैंक', गरीबों की गाढ़ी कमाई कर जाते हजम
पटना में 'गुंडा बैंक' संचालक ने दो वर्ष पहले कर्ज में दिए गए 35 हजार का तीन गुना वसूल लिया, एक दिन महिला के घर पहुंचा और उसके पति के बाएं हाथ का अंगूठा चबा डाला।
पटना[जेएनएन]। अगमकुआं थाना क्षेत्र में 'गुंडा बैंक' संचालक (सूद पर पैसा देने वाले दबंगों के गुट) ने दो वर्ष पहले कर्ज में दिए गए 35 हजार का तीन गुना वसूल लिया। अब मूल राशि का छह गुना रकम देने का दबाव बना रहा है।
संचालक वसूली के लिए महिला के घर पहुंचा और हो-हुज्जत होने पर उसके पति के बाएं हाथ का अंगूठा चबा डाला। पीडि़त का इलाज नालंदा मेडिकल कॉलेज में कराया गया है। प्राथमिकी पुलिस जांच में जुटी है। पीडि़त ने बताया कि संचालक ने जमकर गाली-गलौज की।
कांटी फैक्ट्री में राजनंदन ठाकुर के मकान में रहने वाले किराएदार संतोष कुमार सिंह की पत्नी ऊषा देवी ने बताया कि 2014 में चित्रगुप्त नगर बैंकर्स कॉलोनी के संजय कुमार व उसकी बहन शोभा देवी से उसने 35 हजार रुपये कर्ज लिया था। बीच-बीच में मूलधन के साथ सूद की रकम देती रही।
जनवरी 2016 तक एक लाख रुपया देकर हिसाब समाप्त कराया। सात जून को गांधी नगर स्थित आवास पर संजय कुमार आए और गाली-गलौज करने लगे। पति संतोष कुमार सिंह का अंगूठा चबा लिया। चीख-पुकार सुनकर आसपास के लोग जमा हो गए।
क्या है 'गुंडा बैंक'
पीडि़त परिवार ने बताया कि 'गुंडा बैंक' के संचालक जरूरतमंदों को तलाशते हैं। उन्हें पहली बार दस हजार कर्ज में 200 रुपये काट 9800 रुपये ही देते हैं। अगले दिन से 60 दिनों तक 200 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से कर्जदार को देना पड़ता है। बीच में गैप होने पर 100 रुपये का दंड भरना पड़ता है। साठ दिन बाद दस हजार का मूलधन बारह हजार रुपये लौटना पड़ता है। आर्थिक तंगी से जूझ रहे लोग इनसे कर्ज लेने को मजबूर हो जाते हैं।