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    पाटलिपुत्र स्टेशन : 'प्रभु' की माया, कहीं धूप कहीं छाया

    पटना। पूर्व मध्य रेल के दानापुर रेल मंडल का नवनिर्मित पाटलिपुत्र स्टेशन उद्घाटन के पांच माह

    By Edited By: Updated: Tue, 14 Jun 2016 03:02 AM (IST)

    पटना।

    पूर्व मध्य रेल के दानापुर रेल मंडल का नवनिर्मित पाटलिपुत्र स्टेशन उद्घाटन के पांच माह बाद भी यात्री सुविधाओं के लिए तरस रहा है। इस स्टेशन की सफाई के नाम पर केवल मजाक किया जा रहा है। पूरे स्टेशन परिसर में गंदगी का अंबार लगा रहता है। प्लेटफार्म ही नहीं, स्टेशन परिसर के साथ-साथ यहां से खुलने वाली ट्रेनों की भी साफ-सफाई भगवान भरोसे ही है। प्लेटफार्म की गंदगी का आलम यह है कि यात्री मुंह पर रूमाल रखकर ही इधर से उधर जाते हैं। इस स्टेशन की साफ-सफाई की व्यवस्था से असंतुष्ट यात्रियों से जब उनकी राय ली गई तो शिकायती लहजे में एक ही लाइन कहते हैं-'प्रभु' की माया है, कहीं धूप कहीं छाया है।

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    पाटलिपुत्र स्टेशन की स्थिति पूरी तरह से अराजक हो चुकी है। यहां यात्रियों से सुपरफास्ट के नाम पर 15 से 20 रुपये जाजिया कर की तरह वसूले जा रहे हैं। प्लेटफार्म पर शेड के नीचे यात्रियों के रहने के बजाए पार्सल का सामान रखा जा रहा है। स्टेशन के बाहरी परिसर में रेलवे की जमीन पर एक दर्जन से अधिक खाने-पीने के होटल व दुकानें खोल ली गई हैं। कहीं कोई देखने वाला नहीं है।

    समय 10 बजे..

    पाटलिपुत्र स्टेशन के बाहरी परिसर में ऑटो चालकों का मजमा लगा है। जबरन यात्रियों को ऑटो में लादा जा रहा है। पाटलिपुत्र स्टेशन से पटना जंक्शन के नाम पर 30-30 रुपये भाड़ा वसूला जा रहा है। रेलवे की जमीन पर जबरन ऑटो स्टैंड बना लिया गया है। स्थानीय गुडों द्वारा जबरन आटो स्टैंड से ठेकेदारी वसूली जा रही है। प्रति ऑटो 30 रुपये लिए जा रहे हैं। पोर्टिको में दो गाड़ियां लगी हैं। पार्सल के बाहरी गेट पर एक पिकअप वैन खड़ी है, जिसमें सामान लादे जा रहे हैं। प्लेटफार्म पर संघमित्रा एक्सप्रेस खड़ी है। इस ट्रेन से सारे यात्री उतर चुके हैं। बाहर भीड़ लगी है। टिकट काउंटर के पास किसी बच्चे ने शौच कर दिया है, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। यात्री तत्काल टिकट के लिए कतार में मजबूरन खड़े हैं। गंदगी को साफ करने वाला कोई नहीं है। जबर्दस्ती यात्री एक सफाईकर्मी को पकड़कर लाते हैं, जो झाड़ू से किसी तरह आधी-अधूरी सफाई कर प्लेटफार्म की सफाई में जुट जाता है। पूरे स्टेशन की साफ-सफाई की जिम्मेदारी मात्र दो मजदूरों के कंधों पर है। इसका नतीजा प्लेटफार्म से स्टेशन परिसर तक साफ-साफ दिख रहा है।

    समय 10.45 बजे

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    संघमित्रा एक्सप्रेस वापस दानापुर के लिए प्रस्थान कर गई है। प्लेटफार्म संख्या एक पर लोकमान्य टर्मिनल सुपरफास्ट खड़ी है। इस ट्रेन में सवार होने के लिए यात्रियों में आपाधापी मची हुई है। प्लेटफार्म संख्या एक पर पहले से ही पार्सल का काफी सामान पड़ा हुआ है। यात्रियों को अपनी बोगी में सवार होने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इंजन की ओर से पहले दो साधारण बोगियां लगाई गई हैं। इसमें तिल रखने की भी जगह नहीं है। जब यात्रियों से उनकी समस्याओं के बारे में पूछा गया तो उन्होंने नल चलाकर दिखाया कि एक बूंद भी पानी नहीं है। शौचालय में पहले से ही गंदगी पड़ी है, जिसकी बदबू से गेट पर ठहरना भी मुमकिन नहीं था। प्लेटफार्म पर तेज धूप से बचने के लिए छोटा सा शेड है, जिसमें कई यात्री खड़े हैं। ट्रेन में सवार सौ से अधिक यात्रियों ने अपने-अपने टिकट दिखा सुपरफास्ट के नाम पर 20-20 रुपये अधिक लिए जाने की शिकायत करते हैं। स्टेशन पर जब टिकट पर लिखी दर से अधिक लिए जाने की शिकायत करते हैं तो उन्हें यह कहकर भगा दिया जाता है कि सुपरफास्ट चार्ज लिया गया है।

    समय 12 बजे..

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    उत्तर बिहार की ओर से कुछ ट्रेनें प्लेटफार्म पर पहुंची हैं। इससे काफी संख्या में यात्री उतरे हैं। इन ट्रेनों पर चढ़ने वाले यात्रियों की संख्या भी कम नहीं है। प्लेटफार्म संख्या एक ही नहीं, दो-तीन पर भी गंदगी का अंबार लगा है। दो-तीन की सफाई भी काफी दिनों से नहीं की गई है। यात्रियों की मानें तो केवल वीआइपी मूवमेंट पर ही स्टेशन की सही तरीके सफाई की जाती है। रेलवे ट्रैक पर भी गंदगी का अंबार लगा है। प्लेटफार्म संख्या एक पर बने यूरिनल को लोगों ने शौचालय बना दिया है। काफी गंदगी लगी है। देखने से ऐसा लग रहा है कि कई दिनों से इसकी सफाई नहीं की गई है। पास से गुजरना भी मुश्किल है। प्लेटफार्म पर कचरे का अंबार लगा है।

    यात्रियों से बातचीत

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    मधेपुरा निवासी मोहन बिंद अपनी पत्‍‌नी व बेटे के साथ कल्याण जा रहे हैं। उन्हें आरक्षण नहीं मिल सका था। वे जनरल बोगी में सवार हो गए हैं। अपना टिकट दिखाते हुए उन्होंने कहा कि उनसे 25 रुपये प्रति टिकट अधिक लिया गया है। उनकी पत्‍‌नी मनोरमा देवी बताती हैं कि शौचालय में इतनी गंदगी है कि सीट पर बैठने में भी परेशानी हो रही है।

    मुंबई में मजदूरी करने वाले एकराम ने कहा कि उनसे भी 25 रुपये अधिक लिया गया है। जब इसकी शिकायत की तो कार्रवाई के बजाए फटकार कर भगा दिया गया। एकराम ने कहा कि ट्रेन में साफ-सफाई करने वाली टीम से जब शौचालय की सफाई करने को कहा तो उसने कहा कि ट्रेन खुलने के बाद उनकी ड्यूटी शुरू होती है। वह भी केवल एसी व स्लीपर कोच में।

    बख्तियारपुर निवासी संजीव ने बताया कि वह आठ लोगों के साथ मुंबई जा रहा है। टिकट के दाम से 200 रुपये अधिक वसूले गए। स्टेशन प्रबंधक के कक्ष में ताला लटका है। पुलिस वाले से शिकायत करते हैं तो उन्हें भगा दिया जाता है। प्लेटफार्म पर शेड की काफी कमी है। यात्री एक-एक घंटे तक धूप में ही खड़ा हो ट्रेन का इंतजार करते हैं।

    नालंदा निवासी रोहन मुंबई के एक बड़े होटल में काम करता है। गर्मी की छुट्टी में वह परिवार के साथ घर आया हुआ था। जाम से बचने के लिए वह तीन घंटे पहले ही घर से निकल गया था। संयोगवश आज जाम नहीं मिला, जिससे वह ट्रेन खुलने के डेढ़ घंटे पूर्व ही प्लेटफार्म पर पहुंच गया। उसके साथ पत्‍‌नी व दो साल का बच्चा भी है। प्लेटफार्म पर शेड के नीचे खड़ा होने की भी जगह नहीं है। पार्सल का सारा सामान बिखरा पड़ा है। पूरे प्लेटफार्म पर गंदगी रहने से खड़ा होना भी मुश्किल है। एक ही प्रतीक्षालय है, जो पहले से ही हाउसफुल है। काफी अव्यवस्था है।