नीतीश कुमार ने शरद को दी जदयू तोड़ने की चुनौती, कहा- हताश हो गये हैं लालू
सीएम नीतीश कुमार शरद यादव को जदयू तोड़ने की चुनौती दी। साथ ही विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जनादेश सूबे के विकास के लिए था, न कि पिछलग्गू बनकर कुकर्म ढ़ोने के लिए।
पटना [जेएनएन]। जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद नीतीश कुमार काफी आक्रामक तेवर में नजर आये। एक ओर जहां शरद यादव को जदयू तोड़ने की चेतावनी दी तो दूसरी ओर लालू यादव के परिवारवाद पर भी हमला बोला। कहा कि जनादेश न्याय के साथ बिहार में सरकार चलाने के लिए था, न कि पिछलग्गू बनकर दूसरों के कुकर्म को ढ़ोने के लिए। बिहार में बाढ़ पीडि़तों की मदद के लिए केंद्र सरकार का अाभार जताते हुए कहा कि दोनों जगह एक ही गठबंधन की सरकार है। अब तेजी से बिहार का विकास होगा।
सीएम नीतीश कुमार कहा कहा कि सूबे के 17 जिले बाढ़ से प्रभावित हैं। लाखों लोग प्रभावित हैं। सैंकड़ों लोगों की मौत हो चुकी है। इस आपदा की घड़ी में सरकार पीडि़तों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए सरकारी खजाना खुला हुआ है। केंद्र सरकार से मदद की बात तो बाद में है, पहले राज्य सरकार के कोष से हर संभव मदद की जायेगी।
नीतीश कुमार ने कहा कि हमने ऐसी त्रादसी कभी नहीं देखी थी। आपदा की इस घड़ी में केंद्र सरकार ने हमारे आग्रह पर तत्काल मदद की। हम उनको धन्यवाद देते हैं।
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भागलपुर घोटाले पर सीएम नीतीश ने कहा कि बिहार में तरह तरह के धंधेबाज लोग हैं। अभी हाल में 8 अगस्त की शाम में मुझे मेंरे कार्यालय के लोगों ने बताया कि भागलपुर में सरकारी खाते से फर्जी तरीके से धन निकालकर एक सोसायटी के खाते में डाला जा रहा है। मैंने तुरंत इसकी जांच का आदेश दिया।
बापू हमेशा कहते थे कि पृथ्वी हमारी जरूरतों को पूरा कर सकती है, लालच को नहीं। इस बीच भागलपुर की घटना सामने आयी। मैंने सभी को इस बात की जानकारी दी। जो लोग सीबीआइ की आलोचना करते हैं, उन्होंने सीबीआइ जांच की मांग की। मुझे तो खुशी हुई। मैंने तुरंत इओयू को जांच के लिए भेजा। इसके बाद पत्र लिखकर सक्षम पदाधिकारी से जांच कराने के लिए पत्र लिखा।
भागलपुर में चेक बुक खत्म होने के बाद जारी करने की बात कही जाती थी, वह चेक बुक डीएम के पास नहीं जाकर धंधेबाजों के पास चली जाती थी। सरकारी खाते में पैसा है और चेक बाउंस कर जा रहा है। इन सब चीजों की जांच की जायेगी। किसी को नहीं बख्शा जायेगा। जाे माल बनाने वाले लोग हैं, वह बीमारी है। जो माल बना रहे हैं, वह यहीं रह जायेगा। फिर भी लोग न जाने कौन-कौन काम करते हैं। अर्जित धन किसी के काम नहीं आता है। कफन में जेब नहीं है, अकेले ही उपर जाना है।
नीतीश कुमार ने इसके बाद विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। कहा कि जो लोग कहते हैं कि हमने जनादेश का अपमान किया, वह पहले जनता के मिजाज को जान लें। जनता ने जनादेश बिहार में न्याय के साथ विकास के लिए दिया था। हमारे दल का जो निर्णय है, वह उसी आधार पर है। ये लोग जो बात करते हैं जनादेश का, हम पूछना चाहते हैं कि किस लिए जनादेश मिला था। वह जनादेश बिहार के विकास के लिए मिला था या परिवार के विकास के लिए। जनादेश इसके लिए नहीं मिला था कि कोई गड़बड़ी हो तो उसके उपर पर्दा डालें। जनादेश मिला था न्याय के साथ विकास के लिए। राज्य के विकास के लिए।
जब महगठबंधन बन रहा था तब मैंने नहीं कहा था कि मुझे नेता बनाइये। लेकिन लालू यादव और मुलायम सिंह यादव सभी ने मिलकर मुझे नेता बनाया था। लेकिन उसके बाद जहर बोने लगे।
जिस दिन महागठबंधन बना था, उसी समय से लोग मुझे कहते थे कि ये महागठबंधन चलेगा! लेकिन मैंने 20 महीने तो चला ही दिया। लोग कहते थे कि परिस्थिति के सीएम हैं, और न जाने क्या-क्या अपमानजनक बातें कही गयी। लेकिन हम आज भी बिहार के मुख्यमंत्री हैं और यह किसी के कृपा पर नहीं बल्कि बिहार की जनता की बदौलत हैं।
1977 में हम भले ही चुनाव हार गये। लेकिन जब 1985 से चुनाव जीतने लगे तो जनता ने हमें सर आंखों पर बैठा लिया। जिसे कहा, उसे जिताया। लोग कहते हैं कि मैंने जनादेश का अपमान किया। लेकिन सब जानते हैं कि जनादेश का अपमान किसने किया।
जब हमसे नहीं रहा गया तो हमने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद तत्काल ऑफर आ गया। हमने विधायक दल की बैठक बुलायी और पूछा कि क्या करना चाहिए। विधायक दल की बैठक के बाद सरकार बनाने का निर्णय लिया गया। हमने जो कुछ भी किया है, वह बिहार के विकास के लिए किया है। पहली बार केंद्र और बिहार में एक ही गठबंधन की सरकार है। बिहार विकास की नई उंचाइयों को छुयेगा।
नीतीश कुमार ने शरद यादव को चुनौती देते हुए कहा कि वे जदयू को तोड़कर दिखायें। पार्टी को तोड़ने के लिए दो तिहाई बहुमत जरूरी होता है। यदि उनके पास बहुमत है तो वे साबित करें। शरद यादव जो चाहें, वह करें, इसके लिए वह स्वतंत्र हैं। लेकिन उनसे कुछ होने वाला नहीं है। सभी को दिख रहा है कि 71 विधायक और 30 विधानपार्ष, दो लोकसभा सदस्य सब हमारे साथ हैं।
शरद पर तंज कसते हुए नीतीश ने कहा कि जिनको भाजपा के वोट से राज्यसभा पहुंचाये थे, वो आज हमारे खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उपदेश दे रहे हैं। जब सीएम आवास में जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक चल रही थी तो कुछ छोकरे बाहर हंगामा कर रहे थे। क्या इन्हीं लोगों के बल पर जदयू को तोड़ेंगे। हम जानते हैं कि आप झगड़ा कीजिएगा। हमें उकसाइयेगा। लेकिन हम गांधी और लोहिया के रास्ते पर चलते हैं। ऐसा नहीं करेंगे।
नीतीश कुमार ने आगे कहा कि हम वोट के लिए काम नहीं करते हैं। समाज और राज्य के लिए काम करते हैं। हम समाजवादी विचार के हैं। लोहिया की विचारधारा को मानते हैं लेकिन लोगों की धार्मिक भावना की इज्जत करते हैं। काम करते हैं। पिछले साल गुरूगोविंद सिंह की जयंती जिस तरह से बिहार सरकार ने मनायी थी, उसे पूरी दुनिया ने देखा। हमने नोटबंदी का समर्थन किया। बेनामी संपत्ति पर कार्रवाई करने की बात कही। हमने जो भी फैसला लिया, जनता ने उसका समर्थन किया।
मैं पूरी तरह संतुष्ट हूं कि जो लोग जनता को वोटर के रूप में देखते हैं, वे कभी समाज का भला नहीं कर सकते हैं। मैं जनता को मालिक की तरह देखता हूं। कभी घमंड नहीं करता हूं। केंद्र में मंत्री रहे, बिहार में इतने दिनों से सीएम हैं, लेकिन कभी घमंड नहीं किया। मेरे मन में कभी सत्ता का अहम नहीं आया।
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राजनीत तमाशा नहीं, जनसेवा है। हम जनसेवा करते हैं। राजद के सत्ता में आते हीं लोगों के बीच भय पैदा हो गया था। महागठबंधन टूटने के बाद वह भय समाप्त हो गया है। लेकिन सत्ता से बाहर आते ही राजद के लोग तरह-तरह की हरकतें कर रहे हैं। लेकिन जनता सब देख रही है।
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हम गांधी, लोहिया और कर्पूरी ठाकुर के रास्ते पर चलते हैं। किसी के प्रति पूर्वाग्रह नहीं रखते हैं। सब को साथ लेकर चलते हैं। लेकिन किसी की गड़बड़ी बर्दास्त नहीं करते हैं। हम यहां पद की लालसा के लिए नहीं हैं, लोगों की खिदमत के लिए हैं। लोगों की सेवा करते हैं और करते रहेंगे।
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