विवादित बयान पर अडिग हैं शरद, बोले- गलत क्या कहा? नोटिस आएगा तो देखेंगे
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि बेटी की इज्जत से बढ़कर वोट की इज्जत है। राष्ट्रीय महिला आयोग ने शरद यादव को नोटिस भेजा है।
पटना [जेएनएन]। जनता दल यूनाइटेड के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव ने एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि वोट की कीमत बेटी की इज्जत से बढ़कर है। उनका ये बयान बालिका दिवस के अवसर पर आया है। शरद ने यह विवादित बयान जननायक कर्पूरी ठाकुर की जयंती पर पटना में पार्टी के एक कार्यक्रम में दौरान कहीं।
शरद यादव के इस विवादित बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने आंख तरेरी है। आयोग ने शरद यादव के इस बयान पर आपत्ति जताते हुए नोटिस भेजा है। वहीं शरद आयोग ने कहा कि जो कहा सही कहा। इसमें गलत क्या है? नोटिस मिलेगा तो देखेंगे। वहीं पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा है कि उनके बयान को गलत तरह से पेश किया गया है।
दरअसल शरद यादव गिरते राजनीतिक स्तर और वोट खरीदने की कोशिशों पर चिंता जता रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर बेटी की इज्जत चली गई तो मोहल्ले और गांव की ही इज्जत जाएगी, लेकिन कहीं वोट बिक गया तो देश की इज्जत चली जाएगी। शरद यादव चुनावी राजनीति के गिरते स्तर और पैसे-वोट के गठजोड़ पर चिंता जताते हुए कहा कि पैसे की बदौलत आज-कल वोट को खरीदा और बेचा जाता है।
कहा - वोट बिक गया तो देश की इज्जत जाएगी
शरद यादव ने कहा, 'बैलट पेपर के बारे में समझाने की जरूरत है लोगों को। बेटी की इज्जत से वोट की इज्जत बड़ी है। बेटी की इज्जत जाएगी तो गांव और मोहल्ले की इज्जत जाएगी, अगर वोट बिक गया तो देश की इज्जत जाएगी।'
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पैसे की वजह से यूपी चुनाव लड़ने पर जताई असमर्थता
शरद यादव ने इस बात को लेकर भी काफी चिंता जताई कि पैसे के अभाव की वजह से उनकी पार्टी उत्तर प्रदेश का चुनाव लड़ने में असमर्थ नजर आ रही है। चुनावी राजनीति में पैसे का किस तरीके से बोलबाला है, इसको लेकर शरद ने कहा कि दक्षिण भारत में सांसद या विधायक बनने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जाते हैं।
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कहा - सांसद बनने के लिए खर्च करने पड़ते हैं करोड़ों रुपये
जदयू नेता ने कहा, 'मैंने लंबे अंतराल तक पार्टी को चलाया है, लेकिन ऐसे हालात पहले कभी सामने नहीं आए, जहां संसाधन की कमी की वजह से चुनाव लड़ने में दिक्कत आ रही है। वोटों की खरीद-फरोख्त चल रही है।
उन्होंने कहा कि खासकर दक्षिण भारत में जहां सांसद बनने के लिए 25 से 30 करोड़ रुपये खर्च किए जाते हैं, वहीं विधायक बनने की कीमत 5 से 10 करोड़ रुपये है।
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