जल्द ही एक डिजिटल वॉलेट से दूसरे में ट्रांसफर कर सकेंगे पैसा, जानिए
अब आप जल्द ही अपने इ-वॉलेट से दूसरे के इ-वॉलेट में मनी ट्रांसफर कर सकते हैं। इस डाटा ट्रांसफर पर बैंकों की कोई दखल नहीं होगी।
पटना [जेएनएन]। अपने डिजिटल वॉलेट के बैलेंस से अब आप किसी दूसरे को भी पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं। यानी यदि आपके किसी डिजिटल वॉलेट में बैलेंस है तो जरूरी नहीं कि आप उसपर निर्भर करें।
आप अपने पैसे किसी दूसरे डिजिटल वॉलेट पर सीधे ट्रांसफर कर सकेंगे और इस इंट्रा-ट्रांसफर में सीधे तौर पर बैंकों की कोई दखल नहीं होगी। इससे लोग एक-दूसरे को जरूरत के समय पैसे कर्ज दे सकेंगे, जो लोगाें की सहूलियत को काफी बढ़ाएगा।
आरबीआई इसके लिए जरूरी तैयारियों में जुटा है और सबकुछ सटीक रहा तो मई माह के अंतिम सप्ताह से ही यह सुविधा ग्राहकों को मिलने लगेगी।
ऐसे समझें केैसे करना है ट्रांसफर
अगर आपके पास पेटीएम का वॉलेट है और आप अपने मित्र को मोबीक्विक पर पैसे भेजना चाहते हैं तो बिना किसी परेशानी के ऐसा कर सकेंगे। पहले दोनों को एक कंपनी के वॉलेट प्लेटफार्म पर आना पड़ता था।
एेसे होगा फायदा
कभी-कभी ऑनलाइन शॉपिंग पर कोई वॉलेट कंपनी छूट देती और कोई नहीं देती है। तो आप छूट देनेवाली कंपनी का वॉलेट इस्तेमाल कर छूट का लाभ उठा सकते हैं।
फंड ट्रांसफर की नई सुविधा
इसका एक तकनीकी पहलू ऐसा भी हो सकता है कि इसके लिए बैंक में खाता होने का कोई जरूरत ही नहीं पड़े। अगर ऐसा होता है तो फंड ट्रांसफर के मामले में देश में यह पहली सुविधा होगी जो बैंकिंग प्रक्षेत्र से बाहर होगी।
अब केवाईसी होगा जरूरी
इसके साथ ही अब हर ई-वॉलेट ग्राहक को केवाईसी भरना होगा। एप डाउनलोडिंग के बाद ग्राहकों को आधार अथवा अन्य केवाईसी डॉक्यूमेंट अपलोड करने होंगे। केवाईसी कंप्लायेंस के बाद ही ई-वॉलेट ऑपरेटेबल हो सकेंगे।
आरबीआई सूत्रों की मानें तो ई-वॉलेट कंपनियों के साथ इस दिशा में आरबीआई की उच्चस्तरीय तकनीकी और प्रबंधन टीम यूपीआई(यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस) फ्रेमवर्क साझा करने की दिशा में काम कर रही है।
अभी डाउनलोड करना पड़ता है एप
नोटबंदी के बाद फोनपे, मोबीक्विक, फ्रीचार्ज, जियोमनी, पेटीएम समेत करीब एक दर्जन से अधिक डिजिटल वॉलेट का कारोबार कई गुना बढ़ा है। परंतु इनमें सबसे बड़ी समस्या है कि किसी भी फंड ट्रांसफर के लिए दोनों पक्ष को एक प्लेटफार्म पर आना पड़ता है अर्थात उसी डिजिटल वॉलेट का एप डाउनलोड करना पड़ता है।
एनपीसीआई के यूपीआई प्लेटफार्म का करना होगा इस्तेमाल
इसके लिए नेशनल पेमेंट कमीशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा तैयार किए गए यूपीआई प्लेटफार्म का इस्तेमाल करना होगा। सभी डिजिटल वॉलेट कंपनियों को इसअ प्लेटफार्म से जुड़ने के लिए शुल्क देना होगा और बगैर यूपीआई कनेक्टविटी के कंपनिया डिजिटल वॉलेट का कारोबार नहीं कर सकेंगी। मालूम हो कि अभी तक यूपीआई कनेक्टिविटी सिर्फ बैंकों के लिए ही उपलब्ध है।
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