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    NEET प्रश्न पत्र लीक मामले में UP पुलिस ने 8 को धरा, मास्टरमाइंड बिहार का

    By Kajal KumariEdited By:
    Updated: Tue, 03 May 2016 10:49 AM (IST)

    मेडिकल इंट्रेंस टेस्ट परीक्षा का पर्चा आउट कराने के आरोप में यूपी पुलिस ने आठ लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। वाराणसी से गिरफ्तार आठ लोगों में तीन बिहार के हैं। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस गिरोह का सरगना अभिमन्यु पटना का ही रहने वाला है।

    पटना। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद रविवार को आयोजित नेशनल एलिजिबिल्टी कम इंट्रेस टेस्ट (नीट) का पेपर लीक होने से बच गया। एसटीएफ ने पेपर लीक होने से पहले एक युवती समेत आठ लोगों को धर-दबोचा। ये सभी परीक्षार्थियों को हल पेपर बेचने की फिराक में थे। नीट पेपर साल्वर गैंग का मास्टरमाइंड बिहार का रहने वाला अभिमन्यु है।

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    यूपी एसटीएफ को सूचना मिली थी कि एक गिरोह बिहार, यूपी सहित पूरे देश में मेडिकल का प्रश्न पत्र लीक करने में सक्रिय है। पुलिस को ये भी सूचना मिली थी कि ये लोग रविवार को आयोजित परीक्षा के प्रश्नपत्र को भी लीक करने की तैयारी में है। गिरोह के सदस्यों ने फिलहाल वाराणसी में अपना केन्द्र बना रखा है।

    इस महत्वपूर्ण सूचना के बाद एसटीएफ के वाराणसी फील्ड इकाई के डीएसपी ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद की अगुवाई में एक टीम का गठन किया गया। ज्ञानेन्द्र नाथ प्रसाद के साथ टीम के सदस्यों ने रविवार को वाराणसी के ढेलुपुर स्थित परीक्षा केन्द्र आरएस कान्वेन्ट स्कूल के बाहर जाल बिछाकर गिरोह के सरगना अभिमन्यु कुमार और उसकी भांजी प्रियंका ठाकुर को गिरफ्तार कर लिया।

    इन दोनों की निशानदेही पर परीक्षा केन्द्र से कुछ दूर खड़े छह अन्य अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया। इस गिरोह के गिरफ्तार सदस्यों के पास से 2 लाख रुपये नकद, एक पिस्टल, इलेक्ट्रानिक डिवाइस बिहार नंबर वाली एक वैगनआर कार, एक लग्जरी पोलो कार व एक इंडीवर सहित एक होंडा सीडी मोटरसाइकिल भी बरामद किया गया है।

    गिरोह के सरगना अभिमन्यु ने यूपी एसटीएफ को बताया कि पटना का ही एक दोस्त नीलेश ने उसे यह कहा था कि इस धंधे में काफी कमाई है। अभिमन्यु ने बताया कि उसे शनिवार को दोपहर ही रविवार को आयोजित (एआईपीएमटी) परीक्षा के प्रश्नपत्र मिले थे, जिसकी कुछ कॉपी उसने पटना भेज दी थी पर शाम होते-होते यह पता चला कि वह प्रश्नपत्र सही नहीं थे।

    रविवार को ऑरीजनल प्रश्नपत्र लीक करने और प्रश्नपत्र को हल करवाने के उद्देश्य से ही गिरोह के सदस्य परीक्षा केन्द्र के बाहर जुटे थे। इधर, इस संदर्भ में पूछे जाने पर पटना के एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि यूपी एसटीएफ या युपी पुलिस द्वारा इस गिरफ्तारी की कोई आधिकारिक सूचना उन्हें अभी तक प्राप्त नहीं हुई है।

    गिरफ्तार सदस्यों के पास से पुलिस ने 2 लाख रुपये नकद, एक पिस्टल, इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ तीन लग्जरी गाड़ियां भी बरामद की हैं।

    पकड़े गए गिरोह के सदस्यों से पूछताछ में चौंकाने वाली जानकारी मिली है। पेपर को इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस से लीक ही नहीं करना था बल्कि इसी के जरिए हल पेपर पहुंचता। जिन लोगों से सौदा किया गया था उनसे एडवांस नकदी के अलावा पूरी राशि चेक के रूप में ले ली गई थी।

    गिरोह के सरगना अभिमन्यु ने पूछताछ में एसटीएफ को बताया कि उसका मित्र बिहार निवासी निलेश सिंह ने मोबाइल डिवाइस के माध्यम से परीक्षा में बैठकर पेपर को पढ़कर बाहर लीक करने तथा तुरन्त एक्सपर्ट के माध्यम से हल कराकर परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों को उसी डिवाइस के माध्यम से सुनाकर हल कराने का प्लान तैयार किया था।

    इसके एवज में अभ्यर्थियों से मोटी रकम कमाने की बात तय हुई थी। पैसे के लालच में आकर उसने वाराणसी निवासी अपने मित्र राजीव श्रीवास्तव से सम्पर्क कर किसी माध्यम से विद्यालयों में सेटिंग कराकर इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ अभ्यर्थी को स्कूल के अंदर तक पहुंचाने की योजना बनाई थी। यदि यह साजिश सफल हो जाती तो वे पूरी तरह से पेपर को लीक व हल कराकर उसे मोटी रकम में बेचने में सफल हो जाते।

    पेपर लीक होने के बाद आन्सर-की मोबाइल फोन के जरिए अभिमन्यु को मिल जाती, जिसे वह राजीव श्रीवास्तव को फारवर्ड करता। राजीव श्रीवास्तव उसका प्रिन्ट लेकर अपने सहयोगी प्रमोद जायसवाल के माध्यम से प्रह्लाद घाट विद्यालय और पूर्व प्रधान विजेन्द्र प्रताप सिंह के माध्यम से नटनियादाई-चांदमारी वाराणसी में परीक्षा दे रहे कमलेंद्र कुमार एवं संजय कुमार से संबंधित अभ्यर्थियों को उपलब्ध कराता।