आर्थिक तंगी से छोड़ी थी पढ़ाई, अब बनाई ऐसी तकनीक कि चोरों की आई शामत
पटना साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी जरनैल सिंह आर्थिक तंगी से निराश नहीं हुए। मोबाइल-टीवी रिपेयरिंग की दुकान खोल कर इंजीनियरिंग के शौक को जिंदा रखा और ऐसी तकनीक इजाद की, जिससे अब चोरों की शामत आ गई।
पटना। लाख कठिनाई आए, लेकिन अगर प्रबल आत्मविश्वास हो तो असंभव को भी संभव बनाया जा सकता है। इस बात को पटना साहिब गुरुद्वारे के ग्रंथी जरनैल सिंह से साबित कर दिखाया।
आर्थिक तंगी ने रास्ता रोक दिया तो निराश नहीं हुए। मोबाइल-टीवी रिपेयरिंग की दुकान खोल ली। इंजीनियरिंग के शौक को जिंदा रखा और ऐसी तकनीक इजाद की, जिससे अब चोरों की शामत आ गई।
जरनैल सिंह ने बाइक के मुख्य लॉक में ऐसी फिटिंग की है। जिससे यदि कोई आपकी बाइक में गलत की डालेगा तो आपको फोन आ जाएगा। वे बताते हैं कि शहर में बाइक चोरी की घटना में अचानक से तेजी आई है।
मिडिल क्लास घर में यदि किसी बाइक होती है तो उसकी कमर मानों टूट जाती है। इस समस्या से निजात पाने के लिए वे सालों से प्रयासरत थे। लेकिन सफलता अब मिली। उन्होंने बताया कि बाइक के मुख्य लॉक के भीतर से मोबाइल फोन का वायर कनेक्ट रहता है। जैसे ही कोई चोर बाइक में गलत चाभी डालेगा तो बाइक मालिक को फोन पर इसकी सूचना आए जाएगी।
शटर तोड़ा तो भी आ जाएगा फोन
पिछले साल उन्होंने भी कुछ ऐसी तकनीक का इजात किया था। जिसमें यदि कोई चोर शटर का ताला तोडऩे का प्रयास करेगा तो दुकान के मालिक को फोन आ जाएगा। उन्होंने बताया कि पिछले साल उनके सामने वाली दुकान का शटर तोड़कर चोरी हुई थी।
उसके बाद उनके मन में विचार आया कि ऐसी कोई तकनीक होती, जिससे यदि चोर ताला तोडऩे की कोशिश करता तो दुकान मालिक को फोन आ जाता। फिर उन्होंने इस आइडिया पर काम किया। अब नतीजा सभी के सामने हैं।
आर्थिक तंगी से कारण छूटी पढ़ाई
जनरैल सिंह ने बताया कि जब वे बहुत छोटी उम्र में थे, तभी उनके पिता की मृत्यु हो गई थी। आर्थिक तंगी के कारण उनकी मां गुरुद्वारे आ गई। बचपन से ही उन्हें ग्रंथी बनने का प्रशिक्षण मिला।
उन्होंने बताया कि कृष्णा मोहन इंस्टीट्यूट से उन्होंने टीवी और मोबाइल रिपेयरिंग का कोर्स किया। वे अब अपने द्वारा इजात किए गए खास तकनीक का पेटेंट कराना चाहते हैं। जनरैल सिंह मूल रूप से कटिहार के रहने वाले हैं।