अनुभवों पर किताब लिखेगा कन्हैया, मां-बाप को उम्मीद - सच का करेगा खुलासा
जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया अब एक किताब लिखने वाले हैं। उक्त कार्यक्रम के बाद कन्हैया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। फिलहाल जमानत पर रिहा तथा मूल रूप से बिहार के निवासी कन्हैया की यह किताब बिहार से तिहाड़ जेल तक के उनके अनुभवों को समेटेगी।
पटना। बीते नौ फरवरी को जवाहरलाल नेहरू विवि (जेएनयू) में लगे देश विरोधी नारों को लेकर विवादों में आए जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया अब एक किताब लिखने वाले हैं। उक्त कार्यक्रम के बाद कन्हैया को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। फिलहाल जमानत पर रिहा तथा मूल रूप से बिहार के निवासी कन्हैया की यह किताब बिहार से तिहाड़ जेल तक के उनके अनुभवों को समेटेगी।
बिहार में कन्हैया के किताब को लेकर अभी से ही उत्सुकता देखी जा रही है। कन्हैया के विरोधी भी किताब के कंटेंट को लेकर कयास लगा रहे हैं। बेगूसराय स्थित कैन्हैया के गांव बीहट में भी इस किताब का इंतजार किया जा रहा है। कन्हैया के माता-पिता ने उम्मीद जताई कि इसके माध्यम से उनका बेटा अपने खिलाफ रची जा रही साजिशों को बेनकाब कर सच को सशक्त अभिव्यक्ति देगा।
हिन्दी व अंग्रेजी दोनों भाषाओं में होगा प्रकाशन
विदित हो कि कन्हैया ने इस किताब के प्रकाशन के लिए जगरनॉट बुक्स के साथ समझौता भी कर लिया है। किताब मूलत: हिन्दी में लिखी जाएगी, लेकिन इसका प्रकाशन हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में किया जाएगा। किताब का नाम 'बिहार से तिहाड़' रखा गया है।
किताब की विषय-वस्तु
जेएनयू में अफ्रीकन स्टडीज में पीएचडी कर रहे कन्हैया ने बताया कि किताब का विषय दमनकारी समाज पर केंद्रित होगा। इसमें उसके संघर्ष से जुड़ी बातें तो होंगी ही, समाज से जुड़े तथ्य भी रहेंगे। उसने बताया, 'इस कहानी में होगा कि किस तरह शोषणकारी समाज में एक लड़का संघर्ष करके जेएनयू पढ़ने आता है और किस तरह कुछ लोग उसे निशाना बनाते हैं। इसके साथ ही मैं समाज के कुछ तथ्यों पर भी रोशनी डालना चाहूंगा।'
कन्हैया की यह किताब उसके गांव के स्कूल से चलकर छात्र राजनीति में भागीदारी करने और राजद्रोह के आरोपों में विवादास्पद गिरफ्तारी तथा इसके बाद की घटनाओं की दास्तान है।