पत्रकार हत्याकांड : आशा रंजन ने कहा - सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हो CBI जांच
पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने हत्याकांड की जांच सीबीआई से कराने की बात के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया और मांग की है कि अब जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ही हो।
पटना [वेब डेस्क]। पत्रकार राजदेव रंजन की पत्नी आशा रंजन ने अपने पति के हत्याकांड की सीबीआई जांच कराने की अनुमति देने के लिए केंद्र सरकार को धन्यवाद कहा है और साथ ही मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ही राजदेव रंजन के हत्याकांड की जांच हो।
राजदेव की पत्नी आशा रंजन ने कहा कि मेरी बात सुनने में केंद्र सरकार ने चार महीने की देर लगा दी और अब देर से ही सही चार माह के बाद सीबीआई जांच केंद्र सरकार करा रही है, लेकिन यह जांच सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में ही होनी चाहिए। गौरतलब है कि पत्रकार हत्या कांड की जांच करने के लिए सीबीआई की टीम सीवान पहुंच गई है और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के आधार पर जांच शुरु कर दी गई है।
बिहार पुलिस ने शनिवार को इस मामले से जुड़े सारे दस्तावेज सीबीआई को सौंप दिए। सीबीआई की टीम इस मामले की जांच लिए सीवान में ही कैंप कर रही है। टीम में आठ अधिकारी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक, यह टीम इस मामले की प्राथमिक जांच रिपोर्ट सोमवार को सीबीआई मुख्यालय भेजेगी।
सीवान में अपराधियों ने 13 मई, 2016 की शाम सीवान के व्यस्त इलाके स्टेशन रोड में एक दैनिक अखबार के पत्रकार राजदेव रंजन की गोली मारकर हत्या कर दी थी। अज्ञात अपराधी दो मोटरसाइकल पर सवार होकर आए थे और घटना को अंजाम देकर फरार हो गए थे।
इस मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने एक विशेष अनुसंधान टीम (SIT) का गठन किया था, जिसमें पुलिस उपाधीक्षक स्तर के दो अधिकारी और पुलिस निरीक्षक स्तर के तीन अधिकारी शामिल थे। इस मामले में हाल ही में जमानत पर रिहा राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन का नाम आया है। इसके बाद राज्य सरकार ने भी इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी।
13 मई को हुई थी राजदेव रंजन की हत्या
- जर्नलिस्ट राजदेव रंजन की हत्या 13 मई 2016 को सीवान के रेलवे स्टेशन के पास हुई थी।
- इस केस में शहाबुद्दीन को भी आरोपी बनाया गया था। पुलिस ने 5 शूटरों को अरेस्ट किया था।
- पुलिस को पता चला था कि लड्डन मियां के कहने पर राजदेव को गोली मारी गई थी।
- लड्डन शहाबुद्दीन का करीबी बताया जाता है। उसने सरेंडर कर दिया था।
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