भूमि अधिग्रहण पर जदयू ने सुमो से पूछे पांच सवाल
जदयू ने भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी (सुमो) से पांच सवाल पूछे हैं।
पटना। जदयू ने भूमि अधिग्रहण कानून को लेकर भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी (सुमो) से पांच सवाल पूछे हैं। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता नीरज कुमार ने सवाल किया है कि जब आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में आधारभूत ढांचे से संबंधित परियोजनाओं में अड़चन बनने वाले कारकों में जमीन शामिल नहीं है, तो फिर गांव के विकास में जमीन अधिग्रहण किस रूप में बाधा है? क्या यह सही नहीं है कि भूमि अधिग्रहण कानून-1894 में अधिग्रहण की प्रक्रिया में किसानों की सहमति आवश्यक नहीं थी और 2015 के कानून में भी आवश्यक नहीं है? सुमो बताएं कि क्या अंग्रेजों द्वारा बनाया गया कानून केंद्र सरकार के लिए प्रेरणा का स्रोत है? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने घोषणा की है कि नया भूमि अधिग्रहण कानून बिहार में लागू नहीं होने देंगे। सुमो बताएं कि यह स्वागत योग्य कदम है या नहीं? सबसे अहम बात तो यह है कि एसईजेड के लिए 45,635.63 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण हुआ, जिसमें से मात्र 28,488.49 हेक्टेयर जमीन में ही काम हुआ। शेष जमीन पर कोई कारखाना नहीं लगा और न ही कोई काम, हालांकि करीब 1.75 लाख करोड़ का कर अवकाश दिया गया। क्या यह सही नहीं है कि 1996 में 40 करोड़ लोगों को वर्ष 2015 तक ग्रामीण भाग से हटाकर शहरों में ले जाने को कहा गया था और 2008 में तो विश्व बैंक ने इस काम में तेजी लाने का निर्देश भी दिया था? सुमो बताएं कि 56 इंच का सीना रखने वाले प्रधानमंत्री क्या विश्व बैंक के दबाव में काम कर रहे हैं?
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