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    महंगाई टमाटर लाल, गरम हुई उड़द व चने की दाल

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    Updated: Wed, 15 Jun 2016 08:10 PM (IST)

    पटना : सब्जी मंडी में टमाटर का भाव सुन खरीदार सकते में हैं। दरअसल, एक माह के अंदर ही इ ...और पढ़ें

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    पटना : सब्जी मंडी में टमाटर का भाव सुन खरीदार सकते में हैं। दरअसल, एक माह के अंदर ही इसकी कीमत तीन गुनी हो गई है। बुधवार को टमाटर का थोक भाव मीठापुर सब्जी मंडी में 47 रुपये किलो रहा, जबकि खुदरा में यह 60 रुपये किलो बिकने लगा है।

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    टमाटर का भाव दस दिन में ज्यादा उछला है। जून के प्रथम सप्ताह यह 40 रुपये किलो था। अब यह 60 रुपये किलो बिकने लगा है। मीठापुर सब्जी मंडी के व्यवसायी संजय कुमार ने कहा कि भाव में तेजी आने से बिक्री भी दब गई है। एक सप्ताह पूर्व मंडी में जहां 60 टन टमाटर बिक जाता था, अब 20 टन भी नहीं बिक पा रहा है।

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    देश के अन्य राज्यों में भी भाव तल्ख

    देशभर की ज्यादातर खुदरा मंडियों में बीते 15 दिनों के दौरान टमाटर के दाम दोगुने होकर 80 रुपये किलो तक पहुंच गए हैं। फसल बर्बाद होने के कारण आपूर्ति में सुस्ती से ऐसा हुआ है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इस माह की शुरुआत में टमाटर 20 से 40 रुपये किलो बिक रहा था। महानगरों की बात करें तो चेन्नई में यह 80 रुपये किलो हो गया है। जबकि एक जून को यह 44 रुपये किलो था। नई दिल्ली में दाम 25 रुपये से बढ़कर 51 रुपये तक हो गए हैं। कोलकाता में मंगलवार को दाम 60 रुपये किलो थे। यही मूल्य इस माह के आरंभ में 30 रुपये किलो पर थे। मुंबई में भाव 38 रुपये से उछलकर 58 रुपये हो गए हैं।

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    इसलिए उछले हैं दाम

    पंजाब, हरियाणा व दक्षिण भारत में बेमौसम बारिश से टमाटर की फसल खराब हुई है। उत्तर भारत में तेज गर्मी ने भी इसे नुकसान पहुंचाया है। कर्नाटक, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और ओडिशा प्रमुख टमाटर उत्पादक राज्य हैं।

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    पर्याप्त सुविधाएं नहीं

    आलू-प्याज के उलट टमाटर जल्दी खराब होता है। देश में कोल्ड स्टोरेज की कमी से समस्या बढ़ती है। आपूर्ति की समुचित व्यवस्था नहीं होने से दाम बढ़ जाते हैं। फसल वर्ष 2015-16 में 1.82 करोड़ टन टमाटर उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल यह 1.63 टन रहा था।

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    पटना में ऐसी आई तेजी

    मीठापुर मंडी, कीमत प्रति किलो रुपये में

    20 मई : 22 से 24

    25 मई : 22 से 25

    30 मई : 28 से 30

    05 जून : 30 से 35

    10 जून : 40 से 50

    15 जून : 50 से 60

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    अब सबसे सस्ती मसूर और सबसे महंगी उड़द दाल

    जारी है तेजी

    -एक सप्ताह के अंदर आठ रुपये किलो महंगी हुई चना दाल

    -मसूर दाल की कीमत में भी पांच रुपये की तेजी

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    जागरण संवाददाता, पटना : तेजी के बीच दाल बाजार में घमासान जारी है। सबसे सस्ती चना की दाल थी, लेकिन इस उपाधि पर अब मसूर दाल का कब्जा है। इसी तरह से सबसे महंगी अरहर दाल होती थी, लेकिन अब उड़द हो गई है। दरअसल एक सप्ताह के अंदर चना दाल का भाव आठ रुपये उछल गया है। यह 80 से सीधे 88 रुपये पर पहुंच गई है। मसूर दाल में पांच रुपये की तेजी आने के बावजूद अधिकतम 85 रुपये किलो पर है। उड़द दाल का भाव 190 रुपये पर स्थिर है, जबकि बढि़या अरहर दाल दस रुपये नरम होकर 150 रुपये किलो है।

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    चना दाल में 8 और मसूर में पांच रुपये की तेजी

    चना दाल के भाव और लाल हो गए हैं। एक सप्ताह के अंदर इसमें आठ रुपए प्रति किलो की तेजी आई है। चना दाल 80 से बढ़कर 88 रुपये किलो हो गई है। मसूर दाल भी पांच रुपये और भड़क गई है। पिछले सप्ताह इसका भाव 70 से 80 रुपये था जो अब 75 से 85 रुपये किलो हो गया है। उड़द दाल का भाव 190 रुपये पर स्थिर बना हुआ है। मूंग दाल भी 110 रुपये पर स्थिर है। अरहर दाल में मामूली राहत मिली है। पिछले सप्ताह इसका भाव 130 से 160 रुपये किलो के बीच था। इस समय यह 130 से 150 रुपये किलो के बीच है।

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    क्यों बढ़ रहा भाव

    बिहार खुदरा विक्रेता महासंघ के अध्यक्ष रमेश तलरेजा का कहना है कि इस साल 170 लाख टन दालों का उत्पादन हुआ है, जबकि खपत 246 लाख टन रहने का अनुमान है। मांग और आपूर्ति में 76 लाख टन का अंतर है। इस वजह से भाव में तेजी बनी हुई है। अलावा, वायदा बाजार में सट्टेबाजी भी हो रही है। सरकार को चाहिए कि जिन जिंसों की कमी है, और आयात का विकल्प अपनाया जा रहा है, उन जिंसों के वायदा बाजार पर रोक लगा दे।

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    बाहरी आमद पर टिकी है दाल मंडी

    पटना की दाल मंडी बाहरी आमद पर ही टिकी है। यहां प्रतिदिन करीब 25 टन दाल की खपत है। इसमें 25 फीसद प्रदेश की दाल होती है, जबकि 75 फीसद दाल मध्य प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र आदि प्रदेशों से मंगाई जाती है।

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